Sri Lanka's Hambantota Port: सैटेलाइट और  मिसाइलों को ट्रैक करने की सुविधा वाला एक चीनी जहाज आज सुबह श्रीलंका के हम्बनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा गया है. चीन ने 15 अगस्त को बताया था कि श्रीलंका ने मंगलवार को उसके उपग्रह और मिसाइल निगरानी पोत को अपने हम्बनटोटा बंदरगाह पर आने की अनुमति दे दी है, लेकिन उसने श्रीलंका के साथ हुई उस बातचीत का ब्योरा नहीं दिया.


वहीं इस जहाज के हम्बनटोटा बंदगाह पर उतारे जाने पर भारत ने श्रीलंका (Sri Lanka) से अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) की चिंता जताई थी, जिसके कारण श्रीलंका को चीनी जहाज को अपने बंदरगाह पर उतरने की अनुमति देने में देरी हुई. इससे पहले यह जहाज 11 अगस्त को आने वाला था. 


भारत ने अपनी सुरक्षा को लेकर जताई थी चिंता


भारत के अनुसार इस जहाज को एक जासूसी जहाज के रूप में दिखाया गया था. जासूसी जहाज समुद्र के तल का नक्शा बना सकता है जो चीनी नौसेना के पनडुब्बी रोधी अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है. इस चीनी जहाज युआन वांग 5 को को एक अनुसंधान और सर्वेक्षण के रूप में, 2007 में बनाया गया था और इसकी क्षमता 11,000 टन है.


प्रमुख श्रीलंकाई बंदरगाह की इस महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान, यह हिंद महासागर क्षेत्र के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में उपग्रह अनुसंधान कर सकता है, जिससे भारत के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो सकती हैं.


श्रीलंका ने चीन से लिया है लोन


कोलंबो से लगभग 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हंबनटोटा बंदरगाह पर लीज के बाद चीन ने श्रीलंका को दिए गए लोन के एवज में बनाया था. श्रीलंका सरकार ने चीन से लिए गए कर्ज को चुकाने के लिए काफी संघर्ष किया जिसके बाद बंदरगाह को 99 साल की लीज पर चीनियों को सौंप दिया गया है और अब चीन का जासूसी जहाज श्रीलंका के बंदरगाह पर उतर गया है.


ये भी पढ़ें:


China-US Conflict: ताइवान के सपोर्ट में क्या कदम उठाएगा अमेरिका? चीन की धमकी के बीच व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान


Salman Rushdie Attacked: सलमान रुश्दी पर हुए हमले को अमेरिकी NSA ने बताया भयावाह, मंच पर हुआ था चाकुओं से अटैक