पीएम नरेंद्र मोदी के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के आह्वान के अगले दिन खबर आई कि पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान, एमका के प्रोटोटाइप डिजाइन और मॉडल के लिए सीसीएस की मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. क्योंकि 5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट काफी महंगे होते हैं इसलिए बाहर से खरीदने की बजाए भारत खुद अपना एमका तैयार कर रहा है. ये जानकारी खुद रक्षा राज्य मंत्री ने एक लिखित सवाल के जवाब में संसद के पटल पर रखी.


रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्य सभा में सांसद शांता क्षत्री के पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट यानी एमका के  डिजाइन और प्रोटोटाइप मॉडल के लिए सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की मंजूरी लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.


रक्षा राज्य मंत्री ने संसद को बताया कि बेहद खास विशेषताओं के कारण 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से महंगे हैं. इसलिए एमका (एएमसीए) पांचवीं पीढ़ी का एक स्वदेशी विमान है और यही कारण है कि बाहरी स्रोत से उपलब्ध समान किस्म के विमानों की तुलना में कम महंगा है.




आपको बता दें कि रविवार को ही सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की दिशा में कदम उठाने के आदेश दिए थे. पीएम ने साफ तौर से कहा था कि इससे ना केवल हमारी सुरक्षा मजबूत होगी बल्कि हमारे आर्थिक-विकास में भी मदद मिलेगी.


यूक्रेन युद्ध के हालात से सामने आई परिस्थितियों से निपटने के लिए पीएम ने ये खास सीसीएस मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए अजीत डोभाल मौजूद थे. सीसीएस के तुरंत बाद पीएम ने सेना के तीनों अंगों यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों से भी मुलाकात की थी.  


हाल ही में थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने भी यूक्रेन युद्ध से सीख लेते हुए स्वदेशी हथियारों के निर्माण पर खासा जोर दिया था. 11 मार्च यानी शुक्रवार को ही एबीपी न्यूज ने अपने खास घंटी बजाओ शो में एमका के निर्माण से जुड़ी एक अहम खबर दिखाई थी. 


एबीपी न्यूज ने बताया था कि रूस-यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के बीच भारत ने स्वदेशी लड़ाकू विमानों की कड़ी में भारत ने फिफ्थ (5वीं) जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट, 'एमका' बनाने की दिशा में एक बड़ी उड़ान भरी है. डीआरडीओ और एडीए ने डिजाइन के आधार पर एमका लड़ाकू विमान के लिए विशेष सामाग्री का निर्माण शुरू कर दिया है. डीआरडीओ ने स्टेल्थ फाइटर जेट बनाने के निर्माण में इस कदम को मील का पत्थर कहा है.


डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के मुताबिक, एयरोस्पेस डिफेंस एजेंसी (एडीए) के डिजाइन किए गए फिफ्थ जेनरेशन डिजाइन के मैटेरियल के आधार पर एमका के लीडिंग-ऐज के फैबरिकेशन का काम शुरू हो गया है. ये काम एचएलए यानी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड में शुरू हुआ है. एचएएल की जिस यूनिट में एमका के प्रोटोटाइप को तैयार किया जाएगा उसे पहले संरचनात्मक और अन्य परीक्षण से गुजरना होगा.


फरवरी 2021 में भारत ने दुनिया को दिखाया था मॉडल


एमका यानी एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट भारत की पांचवी श्रेणी का स्वदेशी लड़ाकू विमान है. पिछले साल फरवरी 2021 में भारत ने एयरो-इंडिया शो में एमका के डिजाइन और मॉडल को पहली बार दुनिया को दिखाया था. लड़ाकू विमानों के डिजाइन तैयार करने वाली स्वदेशी एजेंसी, एयरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए यानी आडा) और डीआरडीओ ने इस मॉडल को पेश किया था. ये भारत का पहला दो इंजन वाला फाइटर जेट होगा, जिसके स्टेल्थ फीचर्स के चलते दुश्मन की रडार को इसे पकड़ना बेहद मुश्किल होगा.


भारत अगर एमका बनाने में कामयाब हो जाता है तो अमेरिका, रूस और चीन सहित उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा, जिनके पास पांचवें जेनरेशन के लड़ाकू विमान बनाने की क्षमता होगी. हाल ही में थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे ने यूक्रेन युद्ध से सीख लेते हुए स्वदेशी हथियारों के निर्माण पर जोर देने की बात कही थी.


आपको बता दें कि स्टेल्थ फाइटर जेट की बॉडी ऐसी खास मैटेरियल से बनी होती है जिसके चलते दुश्मन के रडार की तरंगों को ये खुद एब्जॉर्ब कर लेता है और वापस रडार को नहीं जाने देता.  इसके चलते स्टेल्थ फाइटर जेट्स को रडार डिटेक्ट नहीं कर पाती हैं. 


क्या होंगी भारत के एमका की खासियतें



  • भारत का ये एमका फाइटर जेट एक मल्टी-रोल लड़ाकू विमान होगा, जिसमें वियोंड विजुयल रेंज यानि बीवीआर मिसाइल, प्रेसिसयन स्ट्राक क्षमता सहित क्लोज-कॉम्बैट डॉगफाइट करने की भी क्षमता है. 

  • स्टेल्थ एयर-फ्रेम के अलावा इसमें आइसा रडार, नेटसेंटरिक वॉरफेयर, एडवांस इंटीग्रेटेड सेंसर सूट और सेंसर डाटा फ्यूजन भी होगा.  

  • माना जा रहा है कि भारत का ये फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट वर्ष 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा और वर्ष 2030 तक वायुसेना की फाइटिंग-स्कॉड्रन का हिस्सा बन जाएगा. 

  • अमेरिका के पास एफ-22 रैपटेर और एफ-35 लाइटनिंग स्टेल्थ फाइटर जेट्स हैं तो रूस के पास सुखाई-57 है. चीन भी दावा करता है कि उसके पास जे-20 स्टेल्थ फाइटर जेट है. लेकिन देश-विदेश के रक्षा मामलों के जानकार जे-20 (चेंगदू-20) में स्टेल्थ फीचर्स पर सवाल खड़े कर चुके हैं. 

  • एयर-स्पेस में लड़ाई के वक्त स्टेल्थ फाइटर जेट ही बाकी सभी लड़ाकू विमानों का नेतृत्व करता है और दुश्मन की सीमा में सबसे पहले दाखिल होता है.

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