Amarnath Yatra Cloudburst: अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने के बाद लापता हुए लोगों का पता लगाने के लिए सेना (Indian Army) ने रविवार को राडार (Radar) लगाए हैं. भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि जेवर 4000 रडार को लगाया गया है. ये अमरनाथ (Amarnath) में दोपहर से ही काम कर रहे हैं ताकि मलबे के नीचे अगर कोई जीवित बचा है तो उसका पता लगाया जा सके. इसी बीच श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) कल (11 जुलाई) पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू होगी. बालटाल और नूनवान दोनों तरफ से हेलिकॉप्टर उपलब्ध होंगे. 


इससे पहले जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (एलजी) मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने रविवार को पहलगाम में एक बेस केंप का दौरा किया और तीर्थयात्रियों से मुलाकात की. उन्होंने इस दौरान लोगों को आश्वासन दिया कि, "सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन ने एक कुशल बचाव अभियान चलाया है. हम उन लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवा दी. रास्ते की मरम्मत के साथ यात्रा को फिर से शुरू करने के प्रयास जारी हैं. तीर्थयात्री आने चाहिए, हम उन्हें सभी सुविधाएं प्रदान करेंगे." 


अस्थायी रूप से स्थगित की गई थी अमरनाथ यात्रा


बता दें कि, बादल फटने के बाद अमरनाथ यात्रा शुक्रवार को अगली सूचना तक अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई थी. हालांकि, तीर्थयात्री बालटाल बेस कैंप में इसके शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अधिकारियों ने शनिवार को बताया था कि 35 तीर्थयात्रियों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. 17 लोगों का इलाज चल रहा है और उन्हें जल्द छुट्टी मिलने की संभावना है. सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं. 


कब शुरू होगी अमरनाथ यात्रा?


सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह ने बताया कि 2 लोग जो मलबे में दब गए थे, लेकिन जीवित थे, उन्हें बचा लिया गया है. गंभीर रूप से घायल मरीजों को श्रीनगर ले जाया गया. हम सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार 41 लापता हैं, जिनमें से कुछ को बचा लिया गया है. यात्रा 11 जुलाई से पहलगाम के नुनवान आधार शिविर से फिर से शुरू होगी. 


अब तक 16 लोगों की हुई मौत


राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के आंकड़ों के अनुसार अमरनाथ के पवित्र मंदिर के पास बादल फटने (Amarnath Cloudburst) की घटना में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गई. बचाव और राहत प्रयासों के लिए भारतीय वायु सेना के चार एमआई-17वी5 और चार चीतल हेलीकॉप्टर तैनात किए गए थे. चीतल (Cheetal) हेलीकॉप्टरों ने एनडीआरएफ और सेना के पांच जवानों और 3.5 टन राहत सामग्री को लेकर 45 उड़ानें भरीं. इस दौरान 45 बचे लोगों को भी निकाला गया. राहत बचाव कार्य लगातार जारी है.


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