शियामेन: चीन के शियामेन शहर में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद पर बड़ा प्रहार किया गया है. सम्मेलन में पाकिस्तान के कई आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया है. ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणा पत्र में 16 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया गया है.


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अपनी घोषणा में ब्रिक्स :ब्राजील, रूस्, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका: ने सभी देशों से अपील की कि वे आतंकवाद से निपटने के लिए एक समग्र रूख अपनाए. आतंकवाद से निपटने के क्रम में चरमपंथ से निपटने और आतंकियों के वित्त् पोषण के स्रोतों को अवरूद्ध करने की भी बात की गई.

 


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समूह ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ तालिबान, आईएसआईएस, अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद एवं हक्कानी नेटवर्क समेत इसके सहयोगी संगठनों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर चिंता जाहिर की.

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समूह ने ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान और हिज्ब उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया.

ब्रिक्स ने कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से ‘कंप्रीहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म’ :अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते: को जल्दी ही अंतिम रूप दिए जाने और इसे अंगीकार किए जाने की मांग करते हैं.’’

क्या है ब्रिक्स ?

ब्रिक्स दुनिया की पांच बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों का संगठन है. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका इसके सदस्य हैं. दुनिया की करीब तैंतालिस फीसदी आबादी इन्हीं पांच देशों में रहती है. ब्रिक्स का आठवां शिखर सम्मेलन गोवा में हुआ था, जिसकी अध्यक्षता भारत ने की थी. गोवा शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को घेरने की भारत की रणनीति काफी सफल रही थी और आज चीन में भी ये मुद्दा उठाया गया है.