Agnipath Scheme Updates: अग्निपथ योजना को लेकर शनिवार को दिन भर हलचल रही. योजना से नाराज युवाओं ने जहां प्रदर्शन (Protest) जारी रखे तो वहीं सरकार की तरफ से भी युवाओं को शांत करने के लिए कई और एलान किए गए. वहीं विपक्षी नेताओं ने भी केंद्र सरकार की आलोचना जारी रखी. शनिवार को और क्या कुछ हुआ आपको बताते हैं. सबसे पहले अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) पर मचे बवाल को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने वायुसेना और नौसेना प्रमुखों, डीएमए के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की.


इस बैठक में रक्षा मंत्री ने सेना प्रमुखों के साथ अग्निपथ स्कीम की समीक्षा की और युवाओं के गुस्से को कम करने पर विस्तार से बातचीत की. थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे इस बैठक में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि वे पासिंग आउट परेड (पीओपी) के रिव्यू के लिए हैदराबाद के करीब डूंडीगल में मौजूद रहे. 


गृह मंत्रालय ने किया बड़ा एलान


इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिसबल और पैरा-मिलिट्री फोर्स, असम राईफल्स में 10-10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की. इस बात का एलान गृह मंत्री अमित शाह ने किया. केंद्रीय पुलिसबल में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी जैसे सुरक्षाबल हैं. इसके अलावा गृह मंत्रालय ने CAPF और असम राइफल्स में भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय किया और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष करने की घोषणा की. 


अग्निवीरों को सस्ते दरों पर कर्ज की सुविधा की घोषणा


इसके बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से अग्निवीरों को सस्ते दरों पर कर्ज की सुविधा दिए जाने का ऐलान किया गया. रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक ट्वीट में कहा गया कि जो नौजवान चार साल सेना की सेवा करने के बाद बाहर निकलेंगे उन्हें आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. यदि अग्निवीर कोई काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर कर्ज की भी सुविधा प्रदान की जाएगी.


रक्षा मंत्रालय में नौकरी के लिए 10% आरक्षण मिलेगा


वहीं सेना प्रमुखों के साथ बैठक के बाद रक्षा मंत्री ने एक और घोषणा की. जिसमें रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अग्निवीरों को रक्षा मंत्रालय में नौकरी के लिए 10% आरक्षण मिलेगा. 10% आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा नागरिक पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू किया जाएगा. ये आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा. इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रासंगिक भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे. आवश्यक आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा. 


प्रदर्शन के बीच ड्यूटी मजिस्ट्रेट के गले लग कर रोने लगा युवा


इस बीच योजना के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन भी जारी रहे. हरियाणा के पानीपत में एक युवा प्रदर्शनकारी रोने भी लगा. दरअसल, युवा प्रदर्शनकारियों ने पानीपत में आईबी कॉलेज के सामने जीटी रोड जाम कर दिया उसके बाद युवाओं ने जीटी रोड पर प्रदर्शन करते हुए लघुसचिवालय में पहुंचकर नारेबाजी की और ड्यूटी मजिस्ट्रेट के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान एक युवा अग्निपथ योजना के विरोध में ड्यूटी मजिस्ट्रेट कमल गिरधर के गले लग कर रोने लगा. युवाओं ने एलान किया कि जब तक सरकार अग्निपथ योजना वापस नहीं लेती तब तक उनका अंदोलन जारी रहेगा और आने वाली 20 जून को दिल्ली जाकर भी प्रदर्शन करेंगे.


बसों में लगाई गई आग


वहीं बिहार के पटना में योजना का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों ने जीआरपी तारेगाना में कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इसके उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में भी जोरदार प्रदर्शन हुआ. पंजाब के जालंधर में भी युवाओं ने अपना विरोध दर्ज कराया. कई जगह युवा प्रदर्शन के दौरान सिट अप्स लगाते नजर आए. बिहार में आज बंद बुलाया गया था. इस दौरान जहानाबाद के टेहटा ओपी में खड़ी बस-ट्रक में बंद समर्थकों ने आग लगा दी और पुलिस पर भी पथराव किया. 


विपक्ष भी केंद्र सरकार पर रहा हमलावर


अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के प्रदर्शन के साथ-साथ विपक्ष भी केंद्र सरकार पर हमलावर रहा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को जिस तरह विवादित कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा था, उन्हें ठीक उसी तरह अग्निपथ योजना को वापस लेकर युवाओं की मांग स्वीकार करनी होगी. पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार आठ वर्षों से ‘जय जवान, जय किसान’ के मूल्यों का लगातार अपमान कर रही है. मैंने पहले भी कहा था कि प्रधानमंत्री जी को काले कृषि कानून वापस लेने पड़ेंगे. ठीक उसी तरह उन्हें ‘माफीवीर’ बनकर देश के युवाओं की बात माननी पड़ेगी और अग्निपथ को वापस लेना ही पड़ेगा. 


इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश के युवाओं के नाम एक लेटर जारी किया. उन्होंने देश के युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे दुख है कि सरकार ने आपकी आवाज को नजरअंदाज किया और एक नई योजना की घोषणा की जो पूरी तरह से दिशाहीन है. मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आप विरोध जरूर जताएं लेकिन अहिंसक और शांतिपूर्ण तरीके से. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आपके साथ है. 


योजना को बताया- नो रैंक, नो पेंशन, ओनली टेंशन बिना डायरेक्शन


कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने अग्निपथ को नो रैंक, नो पेंशन, ओनली टेंशन बिना डायरेक्शन बताया. उन्होंने कहा कि वित्तीय बचत के लिए क्या युवाओं को शहीद कर देंगे? अपने हक की मांग कर रहे नौजवानों पर लाठियां बरसा रहे हैं. इस योजना को वापस लें. आखिर आप कितने नौजवानों की शहादत के बाद मानेंगे? इसी बीच आग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी किसान घाट पर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी बंद कमरों में फैसले करते हैं जिसका नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि विरोध जायज है लेकिन इसमें हिंसा की जगह नहीं होनी चाहिए. इसीलिए हम यहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मौन धारण कर रहे हैं.


हिमाचल में आप ने किया प्रदर्शन


वहीं अग्निपथ योजना के खिलाफ हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में आम आदमी पार्टी भी सड़कों पर उतर आई. धर्मशाला (Dharamshala) में आज जिलाधीश कार्यालय के बाहर पार्टी के कार्यकर्ता और नेता एकजुट हुए. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए देश की सेना के स्वाभिमान के साथ खिलवाड़ न करने की चेतावनी दी. 


खेल मंत्री ने किया बड़ा एलान


इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं से अपील की. उन्होंने कहा कि हिंसा का रास्ता छोड़ दें. अग्निपथ योजना युवाओं के हित में और देश को सुरक्षित बनाने के लिए लिया गया फैसला है. इस प्रकार से हिंसा फैलाने और उपद्रव मचाने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि खेल मंत्रालय भी अग्निवीरों के लिए कुछ करने पर विचार कर रहा है. 


तेलंगाना में बीजेपी ने हिंसा के लिए राज्य सरकार पर लगाए आरोप 


सत्ता पक्ष का विपक्ष पर पलटवार भी जारी रहा. इसी क्रम में तेलंगाना बीजेपी के अध्यक्ष बंदी संजय कुमार (Bandi Sanjay Kumar) ने आरोप लगाया कि सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन (Secunderabad Railway Station Violence) पर शुक्रवार को हुई हिंसा और तोड़फोड़, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए की गई. ये तेलंगाना (Telangana) के मुख्यमंत्री कार्यालय में रची गई गहरी साजिश का हिस्सा है. इस दौरान देश के कई हिस्सों में अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहे. 


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