नई दिल्ली: तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि हरियाणा की सरकार को कोई खतरा नहीं है.


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "हरियाणा किसान आंदोलन का केंद्र है इसलिये हमनें राज्य में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की. राजनीतिक स्थिति (राज्य में) ठीक है. विपक्ष और मीडिया द्वारा की जा रही अटकलें निराधार हैं. हमारी सरकार मजबूती से आगे बढ़ रही है और वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी."


वहीं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने समिति गठित की है, उम्मीद है चीजें जल्द सुलझ जाएंगी. हमारी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. हरियाणा सरकार को कोई खतरा नहीं."


किसान अपने रुख पर अड़े हुए हैं


किसान संगठनों ने कानून पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है लेकिन कमेटी के सामने पेश होने से इनकार किया है. किसान संगठनों ने एक बार फिर साफ किया कि जब तक कानून रद्द नहीं किए जाते हैं तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को शांतिपूर्ण तरीके से उनका आंदोलन होगा.


किसान संगठनों ने कमेटी के सदस्यों की निष्पक्षता पर भी संदेह जताया. सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि संगठनों ने कभी मांग नहीं की कि सुप्रीम कोर्ट कानून पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए कमेटी का गठन करे और आरोप लगाया कि इसके पीछे केंद्र सरकार का हाथ है. पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक के बाद राजेवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित कमेटी के सदस्य विश्वसनीय नहीं हैं क्योंकि वे लिखते रहे हैं कि कृषि कानून किसानों के हित में है. हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे.’’


राजेवाल ने कहा, ‘‘हम सिद्धांत तौर पर कमेटी के खिलाफ हैं. प्रदर्शन से ध्यान भटकाने के लिए यह सरकार का तरीका है.’’उन्होंने कहा कि किसान 26 जनवरी के अपने प्रस्तावित ‘किसान परेड’ के कार्यक्रम पर अमल करेंगे और वे राष्ट्रीय राजधानी में जाएंगे.


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