महाराष्ट्र की राजनीति के दो धुर विरोधी, निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और शिवसेना नेता संजय राउत अगले कुछ दिनों तक रहेंगे साथ. चौंकिए मत, आपने ठीक पढ़ा. हनुमान चालीसा पढ़ने से जुड़े विवाद में जेल जाने और फिर बाहर आने के बाद नवनीत राणा और संजय राउत एक दूसरे के निशाने पर हैं. दोनों एक दूसरे पर लगातार हमला कर रहे हैं. राणा ने तो राउत को उद्धव ठाकरे का शकुनि मामा तक कह डाला था, जो गलत सलाह देकर साम्राज्य को डुबाना चाहता है. राजनीतिक विरोध अब दुश्मनी का रूप लेता जा रहा है.


लेकिन एक रोचक ख़बर ये है कि दोनों ही नेता अगले कुछ दिनों तक लद्दाख के दौरे पर रहेंगे. उसका कारण ये है कि दोनों ही विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति के सदस्य हैं और ये समिति अपने काम की समीक्षा के सिलसिले में इन दिनों लेह और लद्दाख के दौरे पर है.


समिति के अध्यक्ष बीजेपी सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी पी चौधरी हैं. समिति के लेह में पासपोर्ट कार्यालय के कामकाज की समीक्षा के साथ-साथ कुछ अन्य कार्यक्रम भी हैं. समिति का दौरा 16 मई से शुरू हुआ है और 21 मई तक चलेगा. हालांकि, ये अब तक साफ़ नहीं है कि दोनों नेता दौरा ख़त्म होने तक समिति के साथ रहेंगे या पहले ही लौट आएंगे.


वहीं आज मुम्बई की एक अदालत में नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को ज़मानत के मामले में अपना पक्ष रखना है कि आख़िर ज़मानत की शर्त तोड़ने के लिए उनकी जमानत रद्द क्यों न की जाए. दरअसल, दोनों नेताओं को जमानत देते हुए कोर्ट ने ये शर्त रखी थी कि वो इस केस के मामले में मीडिया में बयान नहीं देंगी.


हालाँकि, जेल से बाहर आने के बाद दोनों नेता प्रेस कांफ्रेंस करने के अलावा मीडिया से लगातार बातें भी कर रहे हैं. वहीं नवनीत राणा और उनके पति का कहना है कि उन्होंने कभी भी मीडिया को दिए अपने बयान में केस के बारे में नहीं, बल्कि लॉकअप में उनके साथ हुई बदसलूकी और अन्य राजनीतिक मामलों के बारे में बात की है.