नई दिल्ली: एक साल बाद पहली बार चीन ने गलवान घाटी की हिंसा की जानकारी को सार्वजनिक करने का दावा किया है. चीन की सरकारी मीडिया ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से हुई झड़प में मारे गए सैनिकों की संख्या भी अब पांच बताई है. अभी तक चीन सिर्फ चार सैनिकों की मारे जाने की बात करता था.


चीन की सरकारी मीडिया, शिन्हुआ और ग्लोबल टाइम्स ने पहली बार गलवान घाटी की हिंसा की विस्तृत जानकारी के खुलासा करने का दावा किया है. चीनी मीडिया के मुताबिक, पिछले साल यानी 15-16 जून 2020 को भारतीय सैनिकों ने कई चीनी सैनिकों को बंधक बना लिया था. बंधक बनाए सैनिकों में चीन की पीएलए सेना का रेजीमेंटल कमांडर, शि फिबाओ भी शामिल था. चीनी मीडिया का दावा है कि उस वक्त चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सैनिकों के मुकाबले कम थी.




चीनी मीडिया के मुताबिक, रेजीमेंटर कमांडर फिबाओ को छुड़ाने के लिए बटालियन कमांडर, चेन होंगजुन अपने दो सैनिकों को लेकर पहुंचा. उस दौरान भारतीय सैनिकों की तरफ से पत्थरबाजी भी हो रही थी. इसके बाद चेन होंगजुन ने चीनी सैनिकों को हमला करने के लिए प्रेरित किया (ऐसा लगता है कि भारतीय सेना की कारवाई से चीनी सैनिक डर कर भाग खड़े हुए थे). इसी दौरान युद्ध के मैदान में चेन होंगजुन और दूसरे सैनिक मारे गए. चेन होंगजुन के शव पर एक दूसरे सैनिक, चेन जियांगरोंग का शव पड़ा था. ऐसा लगता था कि जियांगरोंग अपने बटालियन कमांडर को भारतीय सैनिकों से बचाने के दौरान मारा गया.


आपको बता दें कि हाल ही में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के सौवें स्थापना दिवस के मौके पर चेन होंगजुन को चीन ने इस ‘सदी के सबसे बड़े हीरो’ का खिताब दिया था. कुल 29 चीनी नागरिक को ये अवार्ड दिया गया था.  चीनी मीडिया के मुताबिक, चेन होंगजुन के अलावा इस लड़ाई में चार और चीनी सैनिक मारे गए थे. चीनी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट्स में चेन होंगजुन की पत्नी और परिवार के बारे में भी पहली बार जानकारी दी है. अपने नागरिकों को हीरो को याद करने के लिए चीन ने चेन होंगजुन की फटी हुई जैकेट, सीपीसी ज्वाइन करने का लैटर और एक डायरी को म्युज्यिम में रखा है.


आपको बता दें कि जहां चीन ने एक साल बाद गलवान घाटी की जानकारी सार्वजनिक की है, वहीं भारतीय सेना ने घटना के तुरंत बाद ही देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले 20 सैनिकों के नाम और उनके परिवार की जानकारी सार्वजनिक कर दी गई थी. अमेरिका और रूस की मीडिया का मानना है कि गलवान घाटी में चीन के 40-45 सैनिक मारे गए थे.