Fifth Generation Stealth Fighter: भारत की धरती पर पहली बार 'फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट' ने दस्तक दी है. मौका है बेंगलुरु में चल रहे 14वें एयरो इंडिया शो का जहां अमेरिका का एफ-35 स्टेल्थ लड़ाकू विमान खासा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. मंगलवार को अमेरिका के 02 एफ-35 लाइटनिंग विमान बेंगलुरु के येलहंका एयरबेस पर दिखाई पड़े.  


स्टेल्थ फीचर होने के कारण रडार के लिए इस तरह के स्टेल्थ फाइटर जेट को डिटेक्ट करना बेहद मुश्किल होता है. अमेरिकी वायुसेना इन लड़ाकू विमानों को इस्तेमाल करती है. इन विमानों का अमेरिका की जानी-मानी एयरोस्पेस कंपनी, लॉकहीड मार्टिन निर्माण करती है. 


वायुसेना को 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की जरूरत
एफ 35 के एयरो-इंडिया 2023 में पहुंचने से इस बात की भी चर्चा है कि भारतीय वायुसेना के एमएफआरए प्रोजेक्ट की दौड़ में क्या लॉकहीड मार्टिन इन विमानों को शामिल करना चाहती है. दरअसल, वायुसेना को 114 मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट (एमएफआरए) की जरूरत है. इस प्रोजेक्ट के लिए मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही विमानों के निर्माण की योजना है. कुछ साल पहले तक लॉकहीड मार्टिन अपने एफ-21 एयरक्राफ्ट को इस प्रोजेक्ट के लिए शामिल करना चाहती थी. लेकिन एफ35 के भारत में आने पर चर्चा इस बात की है कि अब इस प्रोजेक्ट से एफ-21 को बाहर किया जा सकता है. 


अलास्का एयरबेस से बेंगलुरु पहुंचे 
हालांकि, सूत्रों ने साफ किया कि जो 02 एफ 35 एयरो शो में शामिल हुए हैं वे लॉकहीड मार्टिन कंपनी की तरफ से नहीं, बल्कि अमेरिकी सरकार की तरफ से गुडविल जेस्चर के तहत लाए गए हैं. ये दोनों अमेरिकी वायुसेना के एफ-35 विमान हैं जो उत्ते और अलास्का एयरबेस से यहां पहुंचे हैं. 


भारत के पास अभी भी कोई फिफ्थ जेनरेशन स्टेल्थ फाइटर जेट नहीं है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डीआरडीओ फिलहाल एमका यानि एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) पर काम कर रही है. एमका का डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है लेकिन एमका को तैयार होने में कुछ साल का वक्त लग सकता है. 


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