NCP symbol Row: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और निशान मिलने पर महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान खड़ा हो गया है. चुनाव आयोग (ईसी) ने मंगलवार (6 फरवरी, 2024) को घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) है. ईसी ने अजित गुट को ही एनसीपी का चुनाव चिन्ह "दीवार घड़ी" भी आवंटित कर दिया. पूरे मामले पर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की प्रतिक्रिया आई. बुधवार (7 फरवरी, 2024) को उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट कर बताया कि ईसी का मतलब एंटायरली कॉम्प्रोमाइज्ड (पूरी तरह से हुआ समझौता) है.


आदित्य ठाकरे ने एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर लिखा, "जब ईसी ही चोरी को वैध ठहराने लगे तो आप समझ जाइए कि लोकतंत्र नष्ट हो गया है. ईसी अब एक बार फिर धोखेबाज साबित हुआ है. एक बार फिर उन्होंने दिखाया कि ईसी का मतलब है एंटायरली कॉम्प्रोमाइज्ड है! उन्होंने (ईसी) ने सबको दिखा दिया कि हम (भारत) अब स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकतंत्र नहीं रहे."





'जो शिवसेना के साथ हुआ वही हमारे साथ हो रहा'


अजित पवार को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के मामले पर इससे पहले शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा था, "मुझे लगता है कि जो शिवसेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है. ऐसे में यह कोई नया आदेश नहीं है, बस नाम हैं. बदल दिए गए हैं लेकिन सामग्री वही है." उन्होंने आगे यह भी कहा कि शरद पवार फिर पार्टी का निर्माण करेंगे और कार्यकर्ता उनके साथ हैं.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल, अजित पवार ने पिछले साल जुलाई में एनसीपी के ज्यादातर विधायकों के साथ महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे और बीजेपी गठबंधन वाली सरकार का समर्थन किया था. आगे उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया था. उन्होंने एनसीपी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा ठोका था. दूसरी ओर शरद पवार गुट ने उनके दावे को चुनौती दी थी. दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर 10 से ज्यादा बार सुनवाई के बाद ईसी का फैसला आया और अजीत पवार को एनसीपी का नाम और चिह्न मिल गया. शरद पवार गुट चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का संकेत दे चुका है.


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