MEA Travel Advisory For Myanmar: म्यांमार में हिंसा और तनावपूर्ण हालात के चलते भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार (6 फरवरी, 2024) को एक एडवाइजरी जारी की जिसमें भारतीय नागरिकों को वहां के रखाइन प्रांत की यात्रा न करने और वहां रह रहे भारतीयों को तत्काल वापसी की सलाह दी. मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि मौजूदा समय में रखाइन प्रांत में रह रहे भारतीय फौरन किसी दूसरे सुरक्षित स्थान की ओर चले जाएं. 


विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी में कहा गया, "बिगड़ती सुरक्षा स्थिति, लैंडलाइन सहित दूरसंचार के बाकी साधनों में व्यवधान और जरूरी चीजों की गंभीर कमी देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे म्यांमार के रखाइन प्रांत की यात्रा न करें. जो भारतीय नागरिक पहले से ही रखाइन में हैं, उन्हें तुरंत यहां से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है."


भारतीय दूतावास से खुद को रजिस्टर कराने की सलाह


इस बीच, न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि म्यांमार में रहने की योजना बना रहे सभी भारतीय नागरिकों को यांगून में भारतीय दूतावास के साथ खुद को रजिस्टर कराने की सलाह दी जाती है. दूतावास के साथ पंजीकरण से नागरिकों को किसी भी आपातकालीन स्थिति में या ऐसी आवश्यकता उत्पन्न होने पर भारत सरकार की ओर से उठाए गए किसी भी रेस्क्यू ऑपरेशन या अन्य सुविधाओं के अंतर्गत लाया जाएगा.


'म्यांमार के हालात का असर भारत में भी होगा'


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल की ओर से कहा गया- म्यांमार में अस्थिरता का सीधा असर हमारे देश पर पड़ने वाला है. हम म्यांमार की स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं. हमारे पड़ोसी देश होने के नाते हम चाहते हैं कि वहां लोकतंत्र की बहाली फिर से हो. भारत सरकार हर स्थिति पर लगातार नजर रख रही है.


क्यों बिगड़े हैं म्यांमार के हालात?


दरअसल, 1 फरवरी 2021 को सेना की ओर से तख्तापलट कर सत्ता पर कब्जा करने के बाद से म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली की मांग को लेकर वहां व्यापक हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. म्यांमार की सेना सशस्त्र संघर्ष करने वालों को निशाना बनाकर हवाई हमले कर रही है, जबकि पिछले कुछ महीनों में म्यांमार में हिंसा में काफी वृद्धि हुई. तीन जातीय अल्पसंख्यक बलों ने पिछले साल अक्टूबर में सैन्य शासन के खिलाफ एक साथ आक्रमण शुरू किया था. जातीय बलों ने कुछ कस्बों और सैन्य चौकियों पर भी कब्ज़ा कर लिया. पिछले साल दिसंबर में, कम से कम 151 म्यांमारी सैनिक एक सशस्त्र जातीय समूह से बचने के लिए भागकर मिजोरम में घुस गए थे.


भारत से लगती है म्यांमार की 1640 किलोमीटर सीमा


नवंबर 2023 में मिलिशिया- पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF) द्वारा उनके शिविरों पर कब्जा करने के बाद लगभग 104 सैनिक भारत-म्यांमार सीमा पार कर मिजोरम भाग गए थे. देश की मौजूदा स्थिति के कारण भारत-म्यांमार सीमा पर म्यांमार से मिजोरम में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं. देखा जाए तो म्यांमार भारत के रणनीतिक पड़ोसियों में से एक है. म्यांमार से भारत के कई पूर्वोत्तर राज्य की सीमाएं जुड़ी हुई हैं. भारत लगभग 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है.


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