Supreme Court: गैंगस्टर अबू सलेम (Gangster Abu Salem) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत नहीं मिली है. सलेम ने 2027 में अपनी रिहाई की मांग की थी. उसने अपने प्रत्यर्पण से पहले किए गए भारत सरकार के वादे का हवाला देते हुए उम्र कैद की सज़ा को भी चुनौती दी थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने कहा है कि उम्र कैद का फैसला देने वाली कोर्ट प्रत्यर्पण के दौरान किए गए सरकार की तरफ से दूसरे देश को किए गए वादे से बंधी नहीं है.


सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा, अबू सलेम की 25 साल की सजा पूरी होने पर इस बारे में फैसला करे. कोर्ट के इस फैसले के बाद अब गैंगस्टर अबू सलेम 2027 में रिहा नहीं हो सकेगा. उसे 2030 तक जेल के अंदर ही रहना पड़ेगा.


क्या है मामला?


कुख्यात अपराधी अबु सलेम ने दावा किया था कि भारत में उसकी कैद 2027 से ज़्यादा तक नहीं हो सकती. लेकिन मुंबई के विशेष टाडा कोर्ट (Special Tada Court) ने उसे 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट समेत 2 मामलों में उम्रकैद की सज़ा दे दी है. यह गलत है. 2005 में पुर्तगाल (Portugal) से प्रत्यर्पित कर भारत लाए गए सलेम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसे 2002 में ही पुर्तगाल में हिरासत में ले लिया गया था. भारत सरकार ने ने पुर्तगाल सरकार से यह वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सज़ा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से अधिक कैद की सज़ा होगी.


अबू सलेम ने मांग की थी कि उसे रिहा करने के लिए 2002 की तारीख को आधार बनाया जाना चाहिए. इस हिसाब से 25 साल की समय सीमा 2027 में खत्म होती है. उसके बाद उसे रिहा कर दिया जाए.


2030 में लिया जाए रिहाई पर फैसला


सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल और एम एम सुंदरेश की बेंच ने 5 मई को मामले पर फैसला सुरक्षित रखा था. आज जजों ने कहा कि विशेष टाडा कोर्ट के जज ने अपराध की गंभीरता और भारतीय कानून के हिसाब से फैसला लिया है. वह फैसला लेते समय भारत सरकार की तरफ किसी विदेशी सरकार को दिए गए वचन से बंधे नहीं थे. बेंच ने यह भी कहा है कि सलेम की तरफ से पुर्तगाल में हिरासत में बिताए 3 साल सज़ा का हिस्सा नहीं माना जा सकता. उसका भारत मे प्रत्यर्पण 2005 में प्रत्यर्पण हुआ है. इसके 25 साल पूरे होने पर यानी 2030 में केंद्र सरकार उसकी रिहाई को लेकर राष्ट्रपति को सलाह दे.


इसे भी पढ़ेंः-


Maharashtra Politics: महा विकास अघाड़ी के आगे साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर बोले शरद पवार, कही ये बात


श्रीलंका: कंगाल हुए देश पर आखिर मोदी सरकार ने क्यों लुटाई अरबों डॉलर की "दरियादिली"?