नई दिल्ली: भारत में अवैध हथियार तस्करी के रहस्यमय और कुख्यात पुरुलिया कांड के मुख्य आरोपी किम डेवी के डेनमार्क से प्रत्यर्पण का रास्ता निकल सकता है. भारत और डेनमार्क के बीच हुई शिखर वार्ता के दौरान इस बात को लेकर सहमति बनी है कि इस मामले को दोनों पक्ष अधिकारी स्तर की बातचीत के जरिए सुलझाएंगे.


विदेश मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनिश प्रधानमंत्री मेटे फ्रेड्रिकसेन के बीच हुई वर्चुअल वार्ता के दौरान किम डेवी के प्रत्यर्पण को लेकर भी भी बात हुई. शिखर वार्ता के बाद संयुक्त सचिव( मध्य यूरोप) नीता भूषण ने बताया कि दोनों पक्ष अधिकारी स्तर पर बातचीत के जरिए इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास करेंगे.


महत्वपूर्ण है कि 1995 में हुए पुरुलिया हथियार कांड का मुख्य आरोपी नील्स होक उर्फ किम डेवी डेनमार्क का नागरिक है. कई सालों से जारी प्रयासों के बावजूद वो भारत के हाथ नहीं लग पाया. डेवी के प्रत्यर्पण के लिए भारत ने सबसे पहले आवेदन अप्रैल 2002 में किया था. कई बार की गई कोशिशों के बाद डेनमार्क सरकार अप्रैल 2010 में उसे भारत को सौंपने के लिए राजी भी हो गई थी. लेकिन किम ने इसके खिलाफ अदालत में याचिका लगा दी. बाद में ईस्टर्न डेनिश कोर्ट ने भी भारत के आग्रह पर डेमनार्क सरकार की तरफ से दायर प्रत्यर्पण अपील को खारिज कर दिया था.


भारत ने जून 2014 में एक बार फिर डेनमार्क के साथ किम डेवी के प्रत्यर्पण के लिए नया पत्र भेजा था. भारत का कहना है कि अवैध हथियारों की भारी खेप को भारतीय जमीन तक पहुंचाने वाले ऐसे शख्स का न पकड़ा जाना आतंकवाद की रोकथाम की कोशिशों को कमजोर करने वाला है.


गौरतलब है कि 17 दिसंबर 1995 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में विमान से हथियार गिराए गए थे. अगले दिन लोगों ने खेत में गिरे बक्सों को हथियारों से भरा पाया जिसमें करीब 300 एके 47 और एके 56 राइफल, लगभग 15,000 राउंड गोलयां, 6 रॉकेट लांचर, बड़ी संख्या में हथगोले, पिस्तौल और नाइट विजन डिवाइज़ मौजूद थे. इन हथियारों को पहले तो ग्रामीणों ने अपनों घरों में छिपा दिया था. लेकिन बाद में पुलिस की दबिश के बाद इनकी बरामदगी की गई.


देश भर में सनसनी फैलाने वाले इस मामले के चार दिन बाद यानी 21 दिसंबर को खुफिया जानकारी के आधार थाइलैंड से कराची जा रहे एन-26 विमान को मुंबई के ऊपर से गुजरते वक्त नीचे उतारा गया क्योंकि इस विमान का रिश्ता पुरुलिया कांड से था. इस विमान में सवार हथियार एजेंट पीटर ब्लीच और चालक दल के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन इस हथियार कांड का मास्टर माइंड किम डेवी संदिग्थ स्थितियों में हवाई अड्डे से न केवल निकल भागा बल्कि अपने मुल्क डेनमार्क पहुंच गया. बाद में ब्रिटिश नागरिक पीटर ब्लीच को भी राष्ट्रपति से मिली माफी के बाद फरवरी 2004 में रिहा कर दिया गया था.


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