Suprme Court Collegium: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार (11 जुलाई) को कहा कि सिफारिश के 72 घंटे के अंदर जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और सीनियर एडवोकेट कलपति वेंकटरमण विश्वनाथन की सुप्रीम कोर्ट के जजों के रूप में नियुक्ति से पता चलता है कि कॉलेजियम जीवंत, सक्रिय और अपने काम को लेकर प्रतिबद्ध है.


सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि जस्टिस मिश्रा और विश्वनाथन विचारों की निरंतरता और ताजगी की परंपरा को एक साथ लाते हैं. सीजेआई ने कहा, "इन दो न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए मुझे जो श्रेय दिया गया है, मैं उसे कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार करता हूं लेकिन मैं उन सभी की ओर से सराहना स्वीकार करूंगा जो इस प्रक्रिया का हिस्सा हैं, जिसमें न केवल कॉलेजियम में बल्कि उससे परे मेरे सभी सहयोगी शामिल हैं."


क्या बोले सीजेआई चंद्रचूड़
उन्होंने कहा, "जस्टिस मिश्रा छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचने वाले पहले जज हैं. वह तुलनात्मक रूप से नए राज्य की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह कानूनी पेशे की युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को दर्शाते हैं जो उनके नक्शेकदम पर चलने की आकांक्षा कर सकती हैं." सीजेआई चंद्रचूड़ ने जस्टिस मिश्रा का स्वागत करते हुए कहा कि देर लगी आने में तुमको, शुक्र है फिर भी आए तो, आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो. जस्टिस विश्वनाथन को लेकर सीजेआई ने कहा कि वह बार के युवा सदस्यों के लिए एक आदर्श और मार्गदर्शक रहे हैं. सीजेआई ने कहा कि उन्होंने युवा वकीलों की एक टीम बनाने में योगदान दिया है.


शीर्ष अदालत में जस्टिस विश्वनाथन की पदोन्नति का स्वागत करते हुए सीजेआई ने कहा कि तुम आ गए हो तो कुछ चांदनी सी बातें हों, जमीन पे चांद कहां रोज-रोज उतरता है। जस्टिस जे बी पारदीवाला के 11 अगस्त, 2030 को रिटायरमेंट पर जस्टिस विश्वनाथन भारत के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे और 25 मई, 2031 तक इस पद पर बने रहेंगे. जस्टिस मिश्रा को 10 दिसंबर, 2009 को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें 13 अक्टूबर, 2021 को आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया गया था.


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