साल 2022 में 15 अगस्त को आजादी के 75 साल पूरे हो जाएंगे. इस मौके को यादगार बनाने के लिए देश में आज से ही देशव्यापी आजादी के जश्न का आगाज होने जा रहा है. बता दें कि पीएम मोदी गुजरात के अहमदाबाद से आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ की शुरुआत कर रहे हैं. इसी के साथ दांडी मार्च को भी 12 मार्च यानी आज 91 वर्ष पूरे हो गए हैं.


इसीलिए आज दांडी यात्रा की याद में  नरेंद्र मोदी गुजरात के अहमदाबाद में दांडी पुल से प्रतीकात्मक दांडी यात्रा का आगाज कर रहे हैं. उनके साथ मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी प्रतीक रूप से पैदल मार्च करेंगे. इस यात्रा में केंद्र और राज्य के कई मंत्री भी शामिल होंगे. ये यात्रा कुल 386 किमी की होगी और 12 मार्च से शुरू होकर 5 अप्रैल को खत्म होगी. इस यात्रा में 80 से ज्यादा लोग सम्मित होंगे जो 21 जगह रूकेंगे और अलग अलग कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे.


पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा 12 मार्च एक खास दिन है


बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में ट्वीट किया है कि, ‘ भारत के गौरवशाली इतिहास में 12 मार्च एक खास दिन है. वर्ष 1930 में इसी दिन महात्मा गांधी के नेतृत्व में दांडी यात्रा की शुरुआत हुई थी. आजादी की 75वीं वर्षगांठ को समर्पित ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ की शुरुआत की जाएगी.






केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी दाडी यात्रा के 91 साल पूरे होने पर ट्वीट कर लिखा है कि, 1930 में आज ही के दिन अंग्रेजों के क्रूर नमक कानून के  विरोध में गांधी जी ने साबरमती आश्रम से ऐतिहासिक दांडी नामक सत्याग्रह की शुरुआत की जिसने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाकर रख दी थी और भारतीय स्वाधीनता संग्राम को एक नई दिशा दी. दांडी मार्च के सभी सत्याग्रहियों को कोटिश: नमन.





जानिए क्या है दांडी यात्रा
दांडी यात्रा भारत के स्वतंत्रता संग्राम का निर्णायक पड़ाव रहा था.  ब्रिटिश सरकार ने नमक उत्पाद पर कानूनी तरीके से जबरन टैक्स वसूली का निर्णय लिया था. गांधीजी ने नमक कानून के खिलाफ 1930 में साबरमती से दांडी तक पद यात्रा की थी . यात्रा में गांधी जी के नेतृत्व में 80 सत्याग्रही दांडी यात्रा पर निकले थे. 12 मार्च 1930 को अनेक गांवों से होते हुए दांडी यात्रा में हजारों देशभक्तों ने हिस्सा लिया था. 6 अप्रैल 1930 को नवसारी जिले के दांडी पहुंच कर बापू ने एक मुट्ठी नमक उठाकर सविनय कानून भंग किया . 241 मील (करीब 388 किलोमीटर) तक गुजरी यह यात्रा 24 दिनों तक चली थी. दांडी मार्च 12 मार्च से 6 अप्रैल 1930 तक चला था. दांडी मार्च ने अंग्रेजी शासन के खिलाफ संघर्ष के लिए पूरे भारत को एकजुट कर दिया था. इसके 17 साल बाद 1947 में अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा.


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