ई दिल्लीः जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में बड़ा आतंकी हमला हुआ है. इस हमले में अमरनाथ यात्रा पूरी करके लौट रहे यात्रियों की बस पर फायरिंग की गई और इसमें सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं एक दर्जन से ज्यादा श्रद्धालु घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है. जिस बस पर हमला किया गया वो किसी कारण से काफिले से पीछे छूट गई थी. सभी मरने वाले श्रद्धालु गुजरात के रहने वाले थे और ये बस भी गुजरात की थी. सरकार अमरनाथ जा रहे श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करती है.

सरकार करती है सुरक्षा के कड़े इंतजाम सरकार ने यात्रियों को कड़ी सुरक्षा देने का आश्वासन दिया था. इस यात्रा के लिए सरकार की ओर से सुरक्षा की थ्री टायर व्यवस्था की गई है. पुलिस, सीआरपीएफ, एसएसबी के साथ ही सेना के जवानों को भी सुरक्षा में लगाया गया है. 40 दिनों की यात्रा में श्रद्धालुओं को सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम पर रखा जाता है. सुरक्षाबल श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा, ड्रोन, बुलेटप्रूफ मोबाइल बंकर सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं. जम्मू से लेकर पहलगाम और बालटाल तक के रास्ते पर ड्रोन से नजर रखी जाती है.

सरकार ने पुलिस, सेना, बीएसएफ और सीआरपीएफ के 35,000 से 40,000 जवानों को तैनात किया है. राज्य में सीआरपीएफ के वर्तमान बल के अतिरिक्त केंद्र ने राज्य सरकार को अर्द्धसैनिलक बलों की लगभग 250 कंपनियां मुहैया करवाई हैं, जिनमें 25,000 जवान हैं. बीएसएफ ने यात्रा के मार्ग में करीब 2,000 जवानों को तैनात किया है. सेना ने पांच बटालियन मुहैया करवाई हैं, इनके अलावा पुलिस की अतिरिक्त 54 कंपनियों को भी यहां लाया गया है.

अमरनाथ यात्रा पर दहशतगर्दों की रहती है 'नीच नजर'

खुफिया रिपोर्ट ने इस यात्रा पर आतंकवादी हमले की चेतावनी दी थी. अमरनाथ यात्रा पर दहशतगर्दों की नजर रहती है. यह पहली बार नहीं है जब अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमला हुआ है. साल 2000 में भी आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया था. इस हमले में 30 यात्रियों की मौत हो गयी थी. इस बार प्रशासन ने सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्टम शामिल करने के साथ ही सुरक्षा पैमाने को उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है.

जम्मू से दो रास्तों के जरिए अमरनाथ गुफा तक पहुंचते हैं श्रद्धालु

पहला रास्ता पहलगाम से है. यह चंदनवाड़ी, शेषनाग होते हुए अमरनाथ गुफा की तरफ जाने वाला 42 किलोमीटर लंबा पुराना पारंपरिक रास्ता है. लोग शेषनाग, चंदनवाड़ी की वजह से इस रास्ते से जाना पसंद करते हैं. पहलगाम के लिए रास्ता श्रीनगर से पहले ही कट जाता है.

दूसरा रास्ता सोनमर्ग के रास्ते बालटाल होते हुए अमरनाथ गुफा की तरफ जाता है. यह रास्ता 19 किलोमीटर लंबा है. यह रास्ता बेहद आसान है इस रास्ते से उसी दिन दर्शन करना संभव है, इसलिए कुछ लोग इस रास्ते से जाना पसंद करते हैं. यह रास्ता श्रीनगर पार करके शुरू होता है.