उत्तराखंड के तपोवन में बचाव कार्य का आज 8वां दिन है. 7 फरवरी से तपोवन के जिस टनल पर रेस्क्यू अभियान चल रहा है, उस जगह से 4 और बॉडी मिली है. उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवानों ने शव को बाहर निकाला है. राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उत्तराखंड में अब तक 42 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं.


164 लोग अभी भी लापता
उत्तराखंड के ऋषि गंगा में आए बर्फीले तूफान और जल स्तर में हुई वृद्धि के कारण जानमाल का भारी नुकसान हुआ है. त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन को 164 लापता लोगों की तलाश है. आपदा में सड़क संपर्क टूटने से सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों के 360 परिवार प्रभावित हुए हैं. सड़क संपर्क से कटे इन गांवो मे हैली से राशन किट, मेडिकल टीम सहित रोजमर्रा का सामन लगातार भेजा जा रहा है.


ऋषिगंगा नदी पर बनी एक अस्थायी झील से पानी निकलना शुरू हो गया है. अब इस क्षेत्र में एक और बाढ़ का खतरा कम हो गया है. जबकि उत्तराखंड में एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की गाद से भरी सुरंग के अंदर फंसे लोगों के संभावित स्थान तक पहुंचने के लिए सुरंग में किए गए सुराख को बचाव टीमों ने शनिवार को और चौड़ा करना शुरू कर दिया. पिछले रविवार को अचानक आई बाढ़ के बाद सुरंग 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है.


केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के बाद ऋषिगंगा के ऊपरी क्षेत्र में बनी इस कृत्रिम झील पर अध्ययन कर रहा है. इसमें से पानी को बाहर निकालने के लिए नियंत्रित विस्फोट की संभावना की पड़ताल कर रहा है. उत्तराखंड के देहरादून, बागेश्वर, हरिद्वार जिलों और पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी, अलीगढ़ जिलों से संबंधित पांच लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी दी गई है.


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