मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद इन आरोपों की जांच के लिए CBI ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी. इसी जांच को आगे बढ़ाने के लिए CBI ने ED कोर्ट में अर्जी दी थी की उन्हें देशमुख का बयान दोबारा से दर्ज करना है और इसकी इजाजत मांगी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि देशमुख को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था और वो अब ED कोर्ट को कस्टडी में हैं.



CBI की इस अर्जी पर सुनवाई करते समय कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार किया और देशमुख से पूछताछ की इजाजत दे दी. कोर्ट की परमिशन के बाद अब CBI आर्थर रोड जेल में जाकर देशमुख का बयान दर्ज करेगी, देशमुख फिलहाल आर्थर रोड जेल में कैद हैं. कोर्ट के आदेश के मुताबिक इसी महीने की 3, 4 और 5 तारीख को CBI  देशमुख का बयान दर्ज करेगी. आपको बता दें की CBI ने इससे पहले इसी मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे, कुंदन शिंदे और संजीव पलांडे का बयान भी दर्ज किया है.

क्या था मामला?
सिंह ने देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप एक पत्र के माध्यम से लगाए थे. इस पत्र को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजा गया था, जिसमें बताया गया था कि देशमुख ने मुंबई के 1750 बार और रेस्टोरेंट से वसूली करने के लिए पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे और दूसरे लोगों से कहा था और उन्हें 100 करोड़ का टारगेट भी दिया गया था.

शिकायत के इस पत्र के साथ एडवोकेट जयश्री पाटिल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने CBI को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए थे. साथ ही यह भी कहा था की उन्हें अगर उनकी जांच में ऐसा कुछ पता चलता है कि इस मामले में FIR दर्ज की जा सकती है तो वो FIR दर्ज कर सकते हैं.


CBI ने इसके बाद कई बार मलिक और दूसरे संबंधित लोगों के बयान दर्ज किए और बाद में इस निष्कर्ष पर पहुंची की इसमें FIR दायर की जा सकती है जिसके बाद CBI ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी .


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