Delhi Road Rage Case: दिल्ली के नांगलोई में रोडरेज की घटना सामने आई है, जिसमें एक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई है. इस पूरे घटनाक्रम को नांगलोई थाने से महज 200 मीटर की दूरी पर अंजाम दिया गया. पूरी घटना की शुरुआत एक मोटरसाइकिल सवार और आरटीवी चालक से टक्कर के बाद हुई बहस से शुरू होती है. जिसके बाद मामला हत्या तक पहुंच जाता है. इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. 


विशाल मलिक नाम का युवक अपनी मोटरसाइकिल से अपने काम से जा रहा था इतने में उसकी मोटरसाइकिल की टक्कर एक आरटीवी से हो जाती है, जिसके बाद आरटीवी पर सवार कुछ युवक विशाल मलिक की मोटरसाइकिल पर हमला बोलते हैं, विशाल अपनी मोटरसाइकिल छोड़कर नांगलोई थाने भाग जाता है. 


पुलिसवालों ने नहीं की कोई मदद
विशाल ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि जैसे ही उसकी मोटरसाइकिल पर हमलावर हमला बोलते हैं तो वो हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके पुलिस को इस बारे में बताता है. साथ ही साथ नांगलोई पुलिस स्टेशन जो कि महज 100 मीटर की दूरी पर था वहां भाग कर जाता है. विशाल ने बताया जब वह नांगलोई पुलिस थाने में जब पुलिस वालों से मदद मांगता है तो उसे उनकी तरफ से कोई भी मदद नहीं मिलती है, पुलिसकर्मी अंदर अंगूर खा रहे होते हैं. 


इतने में मृतक साहिल मलिक अपने ऑफिस से आ रहा था जोकि नांगलोई मेट्रो पर उतरा था. वहीं से वो भी थाने जाता है, थाने में इन दोनों भाई विशाल मलिक और साहिल मलिक से पुलिस वाले कहते हैं जाकर अपनी मोटरसाइकिल खुद लेकर आओ और उसकी वीडियो भी बना लेना हम वहां नहीं जाएंगे. पुलिस वालों के कहने पर साहिल मलिक मोटरसाइकिल लेने उसी जगह जाता है जहां उस मोटरसाइकिल पर आरटीवी सवार ने हमला किया था वहां कुछ लोग पहले से ही घात लगाए बैठे थे साहिल जब मोटरसाइकिल लेने के लिए गया तो वहां उस पर चाकू से हमला कर दिया साहिल खुद को बचाने के लिए अपने घर की तरफ भागता है. जिस रास्ते साहिल भागता है वहां खून के निशान पड़े हुए हैं. 


किसी ने भी नहीं की मदद
इस पूरे घटनाक्रम का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसमें साहिल खून से लथपथ है. वह जमीन पर पड़ा हुआ है उसका दोस्त अमानुल हक उसको उठा रहा है जो कि उस घटना के वक्त वहां मौजूद था. अमान उल हक ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि पहले साहिल को कुछ लोगों ने घेर कर चाकू मारा फिर उसके बाद मैं उसको उठाकर ले गया वह खून से लथपथ था, मैंने बहुत लोगों से मदद मांगी लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया. फिर बाद में एक लड़का आया जिसकी स्कूटी पर उठाकर हम उसे अस्पताल ले गए. अमान उल हक ने भी पुलिस पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर पुलिसकर्मी समय रहते हमारी बात सुन लेते और अकेले बाइक लेने के लिए साहिल को ना भेजते तो यह घटना ना होती.


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