Mumbai Crime: मुंबई से एक बाप की अपनी बेटी के साथ हैवानियत की घटना सामने आई है. जहां एक विशेष अदालत ने नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न के मामले में एक व्यक्ति को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने इस केस में दोषी को धारा 354 (छेड़छाड़) और 509 (शब्द, इशारे या एक महिला की विनम्रता का अपमान करने के इरादे से कार्य) का दोषी ठहराया था.


विशेष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 'अपरिपक्व' उम्र की लड़कियों के साथ यौन संबंध का उनके जीवन पर दर्दनाक प्रभाव पड़ता है और विश्वास एवं अधिकार वाले व्यक्तियों द्वारा की गई इस तरह की हरकत से जीवन को सकारात्मक रूप से देखने की बच्ची की सोच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.  


2013 से 2017 के बीच किया यौन शोषण


विशेष पॉक्सो न्यायाधीश सीमा जाधव के 23 फरवरी के आदेश का ब्योरा शुक्रवार को उपलब्ध कराया गया. इसमें अभियोजन पक्ष की तरफ से कहा गया कि व्यक्ति 2013 और 2017 के बीच लड़की का यौन शोषण करता था. बताया गया कि मां जब काम के लिए बाहर जाती थी, उसके बाद बाप हैवानियत पर उतरता था. साथ ही अपनी बेटी से रेप करने के बाद वो जान से मारने की धमकी भी देता था.


न्यायाधीश सीमा जाधव ने कहा कि आरोपी अजनबी नहीं है बल्कि पीड़िता का पिता है. अपरिपक्व उम्र की युवा लड़कियों के साथ यौन संबंघ का एक दर्दनाक प्रभाव पड़ता है. 


बचाव पक्ष की दलील को नकारा


वही बचाव पक्ष की ओर से तर्क दिया गया कि स्कूल परीक्षा में पीड़िता का प्रदर्शन उत्कृष्ट था और वह आज तक किसी भी विषय में असफल नहीं हुई है. बचाव पक्ष ने ये भी कहा कि उसके पिता स्कूल की एक्टिविटीज और कला, शिल्प और अन्य प्रतियोगिताओं में उसकी मदद करते थे.


बचाव पक्ष की ओर से दी गई दलील पर कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने बच्ची से आघात किया है. आघात को अध्ययन में प्रदर्शन के आधार पर नहीं तौला जा सकता. सिर्फ इसलिए कि उसने अपनी परीक्षा में अच्छा स्कोर किया, इसका मतलब यह नहीं कि आरोपी के हाथों उसका यौन उत्पीड़न नहीं किया जा रहा था.


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