शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने एक नाबालिग बच्ची से रेप और उसकी हत्या के मामले में आज सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया है. यहां से करीब 30 किलोमीटर दूर थियोग में इस मामले को लेकर आज भीड़ उग्र हो गयी. लोगों ने मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए सरकारी वाहनों में तोड़फोड़ की, एक थाने का घेराव किया और हिंदुस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग को कई घंटे तक अवरुद्ध रखा.


दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ चार जुलाई को शिमला जिले के कोटखाई इलाके में कथित तौर पर रेप किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गयी. लड़की का शव दो दिन बाद पास के हलीला जंगल से मिला.


मामला दबाने का पुलिस पर लगा आरोप


हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सोमेश गोयल ने कल सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार करने के साथ मामले को सुलझाने का दावा किया था लेकिन कुछ लोगों के मन में इस तरह का संदेह है कि पुलिस मामले को दबा रही है.


भीड़ ने आरोप लगाया कि वास्तविक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया क्योंकि वे प्रभावशाली परिवारों के हैं.


भीड़ ने कथित तौर पर शिमला के पुलिस अधीक्षक से धक्कामुक्की की, उनके वाहन को नुकसान पहुंचाया. थियोग के एसडीएम और थाना प्रभारी के वाहनों में भी तोड़फोड़ की गयी. अधिकारियों ने भीड़ के आक्रोश से बचने के लिए थाने में शरण ली.


आरोपियों को मेडिकल जांच के लिए शिमला लेकर जा रहे वाहन पर भी कुछ लोगों द्वारा हमले की खबर है. बड़ी संख्या में लोग दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भी जमा हो गये जहां आरोपियों को ले जाया गया.


 मुख्यमंत्री ने लिया हालात का जायजा


मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने हालात का जायजा लिया और मामले में सीबीआई जांच की मांग की. मुख्यमंत्री कुल्लू के दो दिन के दौरे के बाद आज ही प्रदेश की राजधानी लौटे थे.


थियोग में विरोध प्रदर्शन और हिंसा को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया था और इस काम में उसे सफलता मिली.


उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘थियोग में आज अफरा-तफरी और सार्वजनिक संपत्ति को तबाह करने की घटनाएं राजनीति से प्रेरित थीं. पीड़िता के परिवार से सहानुभूति जताने के बजाय मामले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.’’ सिंह ने बताया कि सरकार ने मामले को सीबीआई को भेजने का फैसला किया है ताकि किसी के दिमाग में निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के उसके इरादे के प्रति कोई शंका नहीं रहे.


पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 और 376 तथा पॉक्सो कानून की धारा चार के तहत मामला दर्ज कर लिया है.