Political Leaders Shot Dead: ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उनका हत्यारा कोई और नहीं बल्कि पुलिस में ASI के पद पर तैनात गोपाल कृष्ण दास है. जिसे गिरफ्तार कर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. हालांकि ये ऐसा पहला मामला नहीं है जब किसी नेता की इस तरह से हत्या की गई हो. भारत के राजनीतिक इतिहास में कई ऐसे बड़े मामले देखे गए हैं, जब बड़े-बड़े नेताओं की सरेआम हत्या कर दी गई. इस लिस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी समेत कई बड़े नाम शामिल हैं. 


इंदिरा गांधी की गोली मारकर हत्या
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या भी ठीक उसी तरह हुई, जैसे ओडिशा के मंत्री वाले मामले में देखा गया. 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी को उनके ही निजी सुरक्षाकर्मियों ने गोलियों से छलनी कर दिया. इंदिरा गांधी 31 अक्टूबर की सुबह रोजाना की तरह अपने कार्यक्रमों के लिए इंदिरा अपने आवास से निकलीं. तभी उनके साथ मौजूद सुरक्षाकर्मी बेअंत सिंह ने रिवॉल्वर से इंदिरा पर गोली चलाना शुरू कर दिया. इसके बाद दूसरे सुरक्षाकर्मी सतवंत ने अपनी ऑटोमेटिक कारबाइन राइफल की नली इंदिरा की तरफ की और एक साथ पच्चीस गोलियां उन पर दाग दीं. बुरी तरह घायल इंदिरा को किसी तरह अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. 


महात्मा गांधी की हत्या 
देश की आजादी में अहम योगदान देने वाले महात्मा गांधी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके अहिंसा के रास्ते पर चलकर आंदोलन करना और अंग्रेजों को टक्कर देने वाली हिम्मत की पूरी दुनिया कायल थी. जब 30 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी की हत्या हुई तो पूरी दुनिया इससे सन्न रह गई. दुनिया के कई बड़े नेता महात्मा गांधी को फॉलो करते थे. नाथूराम गोडसे ने गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. गोडसे का कहना था कि महात्मा गांधी विभाजन के लिए जिम्मेदार थे, जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए. 


ललित माकन और उनकी पत्नी की हत्या
कांग्रेस नेता और पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा के दामाद ललित माकन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सिख दंगों के ठीक बाद 31 जुलाई 1985 को जब ललित माकन अपने आवास में लोगों से मुलाकात कर अपनी कार में बैठ रहे थे, तब स्कूटर सवार तीन लोगों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं. इस दौरान उनकी पत्नी गीतांजलि भी वहीं मौजूद थीं, उन्हें भी गोलियां लगीं और उनकी भी मौत हो गई. ललित माकन को कांग्रेस का एक तेज तर्रार नेता माना जाता था. 


प्रमोद महाजन की हत्या
बीजेपी के बड़े नेता प्रमोद महाजन को उनके ही भाई प्रवीण महाजन ने गोली मार दी थी. कई दिनों तक अस्पताल में मौत से जंग लड़ने के बाद प्रमोद महाजन की मौत हो गई. 22 अप्रैल 2006 को उन्हें गोली मारी गई थी. इस सुबह प्रमोद महाजन घर पर ही थे और चाय पी रहे थे, तभी उनके भाई प्रवीण महाजन घर पहुंच गए. दोनों के बीच इस बात को लेकर बहस हुई कि प्रमोद अपने भाई को वक्त नहीं देते और कारोबार में मदद नहीं करते हैं. इसके बाद प्रवीण महाजन ने अपनी पिस्टल निकालकर प्रमोद महाजन को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी. प्रमोद महाजन की छाती में कुल तीन गोलियां मारी गईं. बीजेपी के बड़े नेता प्रमोद महाजन की 13 दिन बाद मौत हो गई. 


प्रताप सिंह कैरों की हत्या
पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रताप सिंह भैरों की भी इसी तरह से हत्या की गई थी. उन्हें दिल्ली से चंडीगढ़ लौटते समय गोलियों से भून दिया गया. दिल्ली से करीब 30 किलोमीटर दूर जीटी रोड पर बदमाशों ने उनकी कार को रोककर इस हत्याकांड को अंजाम दिया. इस दौरान उनके सहयोगी बलदेव कपूर और उनके ड्राइवर को भी गोलियां मारी गईं, इनकी भी इस गोलीकांड में मौत हो गई. आपसी रंजिश के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया. 


दुनियाभर के नेताओं की हुई हत्या
इन सबके अलावा कई और छोटे और बड़े नेताओं की हत्या गोली मारकर की गई. जिनमें केंद्रीय मंत्री रहे विद्या चरण शुक्ला, छत्तीसगढ़ के नेता महेंद्र कर्मा, फूलन देवी, अब्दुल घनी लोन, सांसद कृष्णानंद राय, अखिल भारतीय गोरखा लीग के अध्यक्ष मदन तमांग जैसे नाम शामिल हैं. इनके अलावा दुनियाभर में भी बड़े नेताओं की हत्याएं हुईं. इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति रहे जॉन एफ केनेडी, पाकिस्तान की बड़ी नेता बेनजीर भुट्टो, अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, अमेरिकन लीडर मार्टिन लूथर किंग जूनियर, पाकिस्तान के पीएम रहे लियाकत अली खान जैसे राजनेता शामिल हैं. 


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