नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव को आईआरसीटीसी होटल के रखरखाव के ठेके दिए जाने के मामले में धनशोधन की जांच के सिलसिले में समन भेजा है. ईडी के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि तेजस्वी यादव को 20 नवंबर और राबड़ी देवी को 24 नवंबर को बुलाया गया है.


इससे पहले 13 नवंबर को वित्तीय जांच एजेंसी ने दूसरी बार तेजस्वी यादव से पूछताछ की थी, जो साढ़े आठ घंटे चली थी. ईडी ने 10 अक्टूबर को उनसे नौ घंटे पूछताछ की थी. राबड़ी देवी के खिलाफ ईडी ने सात सम्मन भेजे हैं, लेकिन वह मामले में पूछताछ के लिए जांच एजेंसी के समक्ष नहीं पहुंची हैं.

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से मामले में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत तेजस्वी, उनके पिता और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद व परिवार के अन्य लोगों के खिलाफ जांच की जा रही है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने के बाद ईडी ने 27 जुलाई को पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया है और एजेंसी इस मामले में कथित तौर पर फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे की हेराफेरी की जांच कर रही है.

सीबीआई ने लालू के रेलमंत्री रहते हुए भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के रांची और पुरी में स्थित दो होटलों के ठेके 2006 में एक निजी कंपनी को दिलवाने में कथित अनियिमिताओं के लिए लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ पांच जुलाई को प्राथमिकी दर्ज की थी.

सीबीआई के मुताबिक, ठेके विजय और विनय कोचर के स्वामित्व वाले सुजाता होटल्स को दिए गए थे, जिसमें लालू परिवार को कथित तौर पर रिश्वत के बदले में बिहार में प्रमुख स्थान पर एक भूखंड दिया गया था.

इस मामले में अहलूवालिया कांट्रैक्टर्स के प्रमोटर बिक्रमजीत सिंह अहलूवालिया, जिनसे मामले में पूछताछ भी की जा चुकी है, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता और आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक पी. के. गोयल भी आरोपी हैं.