नई दिल्ली: लॉकडाउन में जब लोग अपना काम धंधा बंद कर घरों में बैठे थे, नौकरियां खो रहे थे. तब मोबाइल ऐप के जरिये घर बैठे पैसा कमाने की एक स्कीम से उम्मीद की एक किरण नजर आई. लोगों को लगा कि अब वो पैसे कमा सकते है, लेकिन उन्हें नही मालूम था कि ये लालच एक बड़ी साजिश का हिसा है. जो देश की सरहद के पार चीन से रची गई है.


दिल्ली पुलिस की (cypad) साइबर सेल ने ठगों के एक ऐसे ही गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो देश से बाहर चीन में बैठकर लाखों लोगों को चूना लगा चुके थे. महज डेढ़ महीने के अंदर ही चीन के इन चालबाजों ने 5 लाख लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लिया. अभी तक 150 करोड़ रुपये की ठगी सामने आ चुकी है, आने वाले समय में यह रकम और बढ़ी हो सकती है.


क्या है मामला?


दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने 11 लोगों को गिरफ्तार करते हुए चीनी ऐप के माध्यम से ठगी करने वाले एक नए नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. दरअसल, इस समय देश मे ऑनलाइन फ्रॉड लगातार तेजी से बढ़ रहा है. यही वजह है कि साइबर सेल भी काफी एक्टिव हो रहा है. साल 2021 की शुरुआत में पुलिस ने 2 चीनी ऐप पर एक्शन लिया था. लेकिन उसके बाद भी चीनी ठग शांत नहीं बैठे. अप्रैल में सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए पुलिस को जानकारी मिली कि ठगी करने वाली कुछ और चीनी ऐप आ चुकी हैं, जो बड़े पैमाने पर देश के लोगों के पैसे के साथ-साथ डेटा भी चोरी कर रही है.


इन ऐप के शिकार बने लोग


(Cypad) साइबर सेल के डीसीपी अनयेश रॉय का कहना है कि मई के दूसरे हफ्ते में पुलिस को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पता चला कि प्ले स्टोर पर पावर बैंक, सन फैक्ट्री, इजी प्लान आदि नाम की ऐप सक्रिय हैं, जिन्हें बड़ी तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है. इन ऐप के माध्यम से लोगों को ठगा जा रहा है और उनका डेटा चोरी करके विदेश भेजा जा रहा है. इसके बाद साइबर सेल ने डेकोय कस्टमर बनकर तुरंत इन ऐप को डाउनलोड किया और साइबर लैब के जरिए एनालिसिस किया गया. पता चला कि ये ऐप चीन से ऑपरेट की जा रही है.


मल्टी लेवल मार्केटिंग की तर्ज पर लोगों को ठगा गया


पुलिस के अनुसार लोगों को पैसे इंवेस्ट कर पैसे कमाने का लालच दिया जा रहा था. साथ ही यह भी कहा जा रहा था कि जो जितने लोगों को रेफर करेगा, उसे उतना रिटर्न मिलेगा. पुलिस ने देखा कि भले ही इनके सर्वर चीन में हो लेकिन कुछ लोग भारत मे बैठकर ये सारा खेल खेल रहे है. जिसके बाद पुलिस ने पश्चिम बंगाल और दिल्ली एनसीआर में भी कई जगह रेड की. पश्चिम बंगाल से पुलिस ने रोबिन अली नाम के शख्श को दबोचा, जो अकेले 30 अकाउंट को हैंडल कर रहा था. उसके बाद उसके 10 अन्य साथियों को पकड़ा गया. जिसमें हर एक का अलग रोल था.


महज 300 रुपये इंवेस्टमेंट से शुरू थी स्कीम


डीसीपी अनेश रॉय का कहना है कि पूछताछ के दौरान रोबिन ने पुलिस को बताया कि वे लोग इन ऐप के जरिए तकनीक के नाम पर पैसे कमाने का लालच लोगों को दे रहे थे. कभी बताया जाता कि उनका स्टार्टअप है, पैसा इंवेस्ट करने पर अच्छा रिटर्न मिलेगा. एक बार एक शख्श इस ऐप को ज्वॉइन करता था, तो उसे और मेंबर्स बनाने का लालच दिया जाता था. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ सके. कोई भी शख्स इसमे महज 300 रुपये देकर जुड़ सकता था. लेकिन कई लोगों ने इसमें लाखो रुपये भी इंवेस्ट किए हैं. ज्वॉइन करने के बाद इनको 10 परसेंट का रिटर्न आता था. जिसकी वजह से लालच में आकर लोग ज्यादा से ज्यादा रकम लगाया करते थे. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि पैसे केवल मोबाइल ऐप में ही नजर आते थे, एकाउंट में नहीं.


लगभग 300 शेल कंपनियों के जरिये पैसा किया गया इधर से उधर


डीसीपी अनेश रॉय का कहना है कि जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ये पैसे शैल कंपनीज के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था. साथ ही पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में तब्दील कर देश से बाहर भेजा जाता था. ये शेल कंपनियां और अकाउंट भी फर्जी तरीके से बनाई गई. जिसमें मदद मिली 2 चार्टेड अकाउंटेंट की. पुलिस ने दोनों चार्टेड अकाउंटेंट को भी गिरफ्तार किया है.


टेलीग्राम, यूट्यूब के माध्यम से ऐप का करते थे प्रचार


पुलिस का कहना है कि चीन में बैठे इस पूरे प्लान के मास्टरमाइंड अपने लिए ठगी का धंधा चलाने वालों को टेलीग्राम और यूट्यूब के माध्यम से तलाशते थे. पुलिस का मानना है कि अब तक करीब 50 लाख लोग इन ऐप को डाउनलोड कर चुके है. जिसमें से अभी तक 5 लाख लोगों का पता चला है, जो ठगी का शिकार हुए है. अभी तक कि जांच में पुलिस को 150 करोड़ रुपये की ठगी का पता चला है, लेकिन अंदेशा है कि ये आंकड़ा 250 करोड़ रुपये तक जा सकता है. पुलिस ने 97 लाख रुपये बरामद किए है. पुलिस का कहना है कि चीन में बैठे इन ठगों पर करवाई के लिए जो प्रॉपर चैनल होगा उसे अपनाया जाएगा.


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