Dark Tourism : अब तक आपने घूमने के लिए खूबसूरत डेस्टिनेशन के बारें में सुना होगा, पहाड़, जंगल के बारें में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी डार्क टूरिज्म (Dark Tourism) का नाम सुना है. हम सभी में से ज्यादातर लोग पहाड़, हरियाली और खूबसूरत वादियों की सैर करना पसंद करते हैं लेकिन डार्क टूरिज्म में लोग  किसी त्रासदी, बड़ी आपदा, नरसंहार जैसी घटनाओं के बाद खंडहर और डरावनी हो चुकी जगहों पर जाना पसंद करते हैं. इसीलिए इसका नाम डार्क टूरिज्म रखा गया  है.

 

डार्क टूरिज्म की ओर बढ़ रही दिलचस्पी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, डार्क टूरिज्म की ओर अब तेजी से हर किसी की दिलचस्पी बढ़ रही है. हरियाली और लग्जरियस लाइफ को छोड़ लोगों को खंडहर जैसी चीजें ज्यादा लुभा रही हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका जैसे देशों में डार्क टूरिज्म को लेकर दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अकेले यूएस में ही 80 प्रतिशत के करीब लोग अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार डार्क टूरिज्म जरूर करना चाहते हैं. बाकी देशों में भी इसी तरह का अट्रैक्शन देखने को मिल रहा है.

 

डार्क टूरिज्म को क्यों पसंद कर रहे लोग

डार्क टूरिज्म में टूरिस्ट में आंखों से उन जगहों को देखने का अलग ही क्रेज होता है. जहां का इतिहास काला रहा है. जहां कत्लेआम मचा है. फिर चाहे हिरोशिमा और नागासाकी हो, जहां न्यूक्लियर बम गिराए गए थे, या फिर अफगानिस्तान के हालात. वैसे तो डार्क टूरिज्म में गलत कुछ भी नहीं है लेकिन कई बार शौक पूरे करने के चक्कर में इंसान मुसीबत में भी फंस सकता है.

 

कहां-कहां है डार्क टूरिज्म

डार्क टूरिज्म साइट्स के बारें में बात करें तो दुनियाभर में कई ऐसी जगहें हैं। हालांकि, ज्यादातर डार्क टूरिज्म करने वालों को रवांडा का मुरांबी नरसंहार स्मारक, जापान का हिरोशिमा, न्यूयॉर्क का ग्राउंड जीरो और केजीबी मुख्यालय लिथुआनिया जैसी जगहें पसंद हैं. यहां आना उनके लिए किसी रोमांस से कम नहीं होता है. 

 

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