लोगों का अब ट्रैवल को लेकर नजरिया बदलने लगा है. अब लोग सिर्फ परिवार या पार्टनर के साथ ही छुट्टियां नहीं मना रहे हैं. बल्कि उन लोगों के साथ भी सफर कर रहे हैं जो रोज उनके साथ ऑफिस में काम करते हैं. यानी कि फ्रॉलीग्स... दरअसल फ्रॉलीग्स ऐसे कलीग होते हैं जो अब आपके दोस्त बन चुके होते हैं और आपके साथ छुट्टियां भी मानते हैं.

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थॉमस कुक की रिपोर्ट, परिवार नहीं कलीग बने रहे ट्रैवल बडी

हाल ही में आई थॉमस कुक इंडिया हॉलिडे रिपोर्ट के अनुसार अब लगभग 28 प्रतिशत भारतीय लोग छुट्टियां अपने ऑफिस के दोस्तों के साथ मना रहे हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार भले ही आज भी 65 प्रतिशत लोग अपने परिवार के साथ और 60 प्रतिशत लोग अपने पार्टनर के साथ ट्रैवल करना पसंद करते हैं. लेकिन अब ऑफिस फ्रेंडशिप का दायरा भी मीटिंग रूम से निकलकर ट्रैवल के रूप में पहाड़ों और वादियों तक फैल चुका है.

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कलीग के साथ ट्रैवल काम की थकान को दूर और रिश्तों को कर रहा मजबूत

कई एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसे ट्रिप जहां आप ऑफिस के दोस्तों के साथ जाते हैं. तो उससे आपका ऑफिस कलीग के साथ एक अलग ही इमोशनल कनेक्शन जुड़ता है. साथ ही आपको आराम भी मिलता है ऐसे में न केवल काम के तनाव को कम किया जा सकता है बल्कि आप अपने कलीग को बेहतर तरीके से समझ पाते हैं. वही एक्सपर्ट कहते हैं कि जब काम से बाहर एक रिलैक्स माहौल मिलता है तो आप और आपके कलीग के बीच बातचीत से रिश्ते और ज्यादा गहरे हो जाते हैं.

मतभेद भी आते हैं सामने

कलीग के साथ ट्रैवल करना अच्छा माना जा रहा है. लेकिन यह रिसर्च चेतावनी भी देती है कि जब प्रोफेशनल और पर्सनल रिश्ते आपस में जुड़ते हैं तो कभी-कभी गलतफहमियां और आपसी मतभेद भी सामने आ सकते हैं. जो बातें ऑफिस में कभी नहीं सामने आती वह ट्रिप पर खुलकर सामने आ सकती हैं. ऐसे में जरूरी है कि ट्रिप पर जाने से पहले ही आप कुछ बातों को क्लियर कर लें. जैसे कि काम की शिकायतों को ट्रिप पर न ले जाएं. सभी को थोड़ा स्पेस दे और दोस्ती को ऑफिस की पॉलिटिक्स से दूर रखें.

युवाओं को पसंद आ रहा है यह ट्रैवल स्टाइल

आज की जनरेशन रिश्तों में बराबरी, समझ और आजादी को ज्यादा महत्व देती है. फैमिली ट्रिप में जहां कहीं जिम्मेदारियां और कंडीशंस होती है. वही कलीग के साथ ट्रैवल करने में न कोई रोक-टोक होती है और न ही कोई दिखावा होता है. ऐसे में लोग अपने ऐसे कलीग को अपना ट्रेवल पार्टनर चुन रहे हैं. जिनकी सोच, डेली लाइफ और खर्च करने का तरीका मेल खाता हो.

फ्रॉलीग्स के साथ ट्रैवल करना रिचार्ज होने जैसा

फ्रॉलीग्स के साथ ट्रैवल करना एक तरह से रिचार्ज होना जैसा माना जा रहा है. जहां पर आप अपने कलीग के साथ मस्ती भी कर सकते हैं. आराम भी कर सकते हैं साथ ही कई बार दोस्तों की अनकही समझदारी आपकी ट्रिप को और खास भी बना देती है.

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