बीते दस सालों में दुनियाभर में धार्मिक आंकड़ों में काफी बड़ा बदलाव देखने को मिला है, इसका खुलासा प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की जनसंख्या में काफी तेजी से उछाल आया है. वहीं यहूदी और ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की जनसंख्या में गिरावट दर्ज की गई है. ऐसे में हमारे मन में सवाल आता है कि इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी में इजाफा हुआ है, ईसाई और यहूदी धर्म की जनसंख्या घटी है, तो हिंदू धर्म के को मानने वाले लोगों की स्थिति कैसे है. चलिए, आपको बताते हैं कि, हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी कितनी है और यह संख्या ईसाई धर्म से कितना कम है. 

कितनी है हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी 

प्यू रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी तीसरे नम्बर पर है. यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे दुनियाभर की 14.9 प्रतिशत आबादी मानती है. साल 2010 से लेकर 2020 तक के बीच में हिंदू आबादी तेजी के साथ बढ़ी है. हालांकि, इसकी जितने तेजी के साथ इस्लाम धर्म फैला है, उतने तेजी के साथ हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या नहीं बढ़ी है. भारतीय प्रवासियों के चलते बाहर के देश जैसे दुबई, कुवैत, कतर में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की आबादी में 62 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तो अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में हिंदू आबादी 55 प्रतिशत के आसपास बढ़ी है. 

ईसाई धर्म से कितनी कम है हिंदू आबादी 

ईसाई धर्म अभी दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है. पूरी दुनिया में लगभग 29 प्रतिशत आबादी यानी 2.3 अरब लोग ईसाई धर्म को मानते हैं. अगर इस आबादी की तुलना हिंदू धर्म की आबादी से की जाए तो हिंदू धर्म को सिर्फ 14,9 प्रतिशत लोग ही मानते हैं, जो ईसाई धर्म से 14.1 प्रतिशत कम है. हिंदू धर्म की वैश्विक जनसंख्या ईसाई धर्म से लगभग 1.1 अरब कम है. अगर इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की बात की जाए तो 2010 से लेकर 2020 तक में इनकी आबादी 34.7 करोड़ के आसपास बढ़ी है. आबादी इतनी तेजी से बढ़ने के पीछे कारण यह है कि, मृत्यु दर कम है और जन्मदर काफी तेजी के साथ बढ़ रही है. 

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