अगर आप हाल ही में यूनाइटेड किंगडम या यूनाइटेड स्टेट्स जाने वाली फ्लाइट में यात्रा करने वाले हैं तो आपको फ्लाइट की देरी का सामना करना पड़ सकता है. इसके कई कारण हो सकते हैं और यह समस्या आज-कल काफी बढ़ गई है. इन कारणों की वजह से यात्रियों को अधिक इंतजार करना पड़ रहा है और यात्रा से जुड़ी परेशानियां बढ़ गई हैं. आइए जानते हैं कि क्या वास्तव में इस देरी की वजह अंतरराष्ट्रीय विवाद हैं या फिर विमानों की संख्या में आई कमी. 



















मार्ग में बदलाव
हाल ही में ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के कारण, अमेरिकी उड़ानें अब ईरान की हवाई सीमा का उपयोग नहीं कर रही हैं. इस बदलाव की वजह से उड़ानों को अब लंबा मार्ग लेना पड़ रहा है.

 

पहले की अड़चनें
अफगानिस्तान में उपजी समस्याओं की वजह से 2021 से हवाई यात्रा के रास्ते में बदलाव किया गया है. इस बदलाव का मुख्य कारण यह था कि विमान रूस की हवाई सीमा का इस्तेमाल न करें. इसके लिए विमानों को अब दूसरे मार्गों से भेजा जा रहा है, जिससे यात्रा का समय थोड़ा बढ़ भी सकता है. इस तरह के बदलाव से हवाई यात्रा सुरक्षित और स्थिर बनी रहती है, और यात्रियों को कम से कम जोखिम में रखा जा सकता है. 








 













विमानों में समस्या

भारतीय बोइंग 777 विमानों में ऑक्सीजन टैंक होते हैं जो उन्हें ऊंचाई वाले मार्गों पर उड़ने की सुविधा देते हैं. हालांकि, हाल ही में लीज पर लिए गए कुछ विमान, जैसे कि डेल्टा और एतिहाद के बी777, में यह सुविधा नहीं है, इसलिए उन्हें लंबे मार्ग से जाना पड़ता है. 


GPS जैमिंग की समस्या
पाकिस्तान-ईरान की सीमा और तुर्की के बीच GPS जैमिंग की घटनाएं होने से हवाई यात्रा में असुरक्षा की भावना बढ़ी है. इसका मतलब है कि यहां GPS सिग्नल को जानबूझकर रोक दिया जाता है, जिससे पायलट्स को सही दिशा निर्धारित करने में मुश्किल होती है और यात्रा में विलंब हो सकता है.


उम्मीद की किरण
कुछ पश्चिमी एयरलाइंस ने बताया है कि 1 मई से दक्षिण-पश्चिम एशिया की उड़ानों में सुधार हो सकता है. हालांकि, अगर पश्चिम एशिया में संघर्ष जारी रहता है, तो सुधारों पर असर पड़ सकता है. 


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