मां बनना हर लड़की का सपना होता है. लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली तकलीफें सहन करना थोड़ा मुश्किल होता है. ऐसे में महिलाओं के हार्मोन चेंज होना आम बात है. प्रेगनेंसी के दौरान थकान और कमजोरी एक सामान्य अनुभव हो सकता है, जिसे आप हल्के में ना लें. प्रेगनेंसी के समय आमतौर पर महिलाएं एनीमिया से भी पीड़ित हो जाती हैं.
आहार में पर्याप्त आयरन
बता दें कि गर्भावस्था में एनीमिया मां और शिशु दोनों के लिए ही खतरा बन जाता है. ऐसी स्थिति में महिलाएं शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों के कारण थकान महसूस करती है. इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि कई बार यह किसी अन्य समस्या का संकेत भी हो सकता है. यदि आप मानसिक रूप से स्वस्थ हैं, तो होने वाला बच्चा भी स्वस्थ ही रहेगा. इसके लिए आप पर्याप्त आराम करें, व्यायाम करें, स्वस्थ भोजन करें और तनाव न लें. गर्भावस्था में महिलाओं को अपने आहार में पर्याप्त आयरन लेना चाहिए, यदि उन्हें आयरन नहीं मिलता है, तो एनीमिया होने की आशंका बढ़ जाती है.
ऐसे होता हैं महिलाओं में एनीमिया
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में कई परिवर्तन होते हैं. कई महिलाओं को इस दौरान तकलीफें और समस्याएं होती हैं. जैसे - थकान और कमजोरी होना, चक्कर आना, नींद न आना, एनीमिया, साइकोलॉजिकल प्रेशर, पेट की समस्याएं, स्तन के दर्द आदि. फोलेट की कमी से भी महिलाओं में एनीमिया देखा जाता है. इसके अलावा कई बार अनहेल्दी फूड और इंफेक्शन के कारण भी गर्भवती महिलाएं एनीमिया का शिकार होती हैं. रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होती है, जिससे शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है.
एनीमिया के लक्षण
गर्भवती महिलाओं को अगर सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द, चक्कर, थकान, कमजोरी जैसे लक्षण दिखें तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं, क्योंकि ये लक्षण एनीमिया के हैं. एनीमिया में स्किन का रंग पीला हो जाता है और हाथ-पैर ठंडे होने लगते हैं. ऐसी स्थिति यदि महिला की है तो उसे हल्के में ना लें और डॉक्टर से स्थिति के आधार पर उपचार करवा लें.