क्या आप जानते हैं बीमारियों में घरेलू उपचार के तौर पर अपनाए जाने वाले मसालों की अहमियत ? क्या आपको मालूम है हमारे घर के किचेन का हिस्सा बने मसाले वायरस से लड़ने में कारगर हथियार साबित हो सकते हैं ? विशेषकर तब जब हमारे इर्द-गिर्द वायरस का खतरा मंडरा रहा है. कुछ मसालों की उपयोगिता के बारे में विशेषज्ञों और न्यूट्रिशियन एक्सपर्ट की सलाह बहुत लाभदायक साबित हो सकती है.


घरेलू नुस्खे बीमारियों के लिए बहुत हैं मुफीद


मसाले आम तौर पर हमारे भोजन का स्वाद और जायका बढ़ाने का काम करते हैं. मगर इसके अलावा भी हम मसालों को उपचार के तौर पर अपनाएं तो फायदा देखा जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक ये मसाले हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए औजार साबित होते हैं. न्यूट्रिशन एक्सपर्ट कविता देवगन का कहना है कि तेज मसाले हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को बेशुमार वायरस से सुरक्षा प्रदान करते हैं. चाहे हल्दी, काली मिर्च, जीरा, लौंग हो या आजवाइन. ये फ्लू से लड़ने में हमारी मदद करते हैं.


मसालों में पाये जाते हैं एंटी बैक्टीरियल के गुण


सबसे पहले हल्दी के गुणों के बारे में जानते हैं. इस मसाले में एंटी वायरल की विशेषता पाई जाती है. फ्लू फाइटर के तौर पर जाना जाता है. ये हमारे खून को शुद्ध रखने में अहम भूमिका निभाता है. साधारण हल्दी एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है. ये एंटी बैक्टीरियल होने के कारण इंफ्केशन नहीं होने देता. जीरा- जीरा आयरन का अच्छा स्रोत होता है. हेमोग्लोबीन के लिए आयरन अहम हिस्सा होता है. ये फेफड़ों से शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जीरे का इस्तेमाल कर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है. काली मिर्च- काली मिर्च में विटामिन सी होने के कारण प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है. काली मिर्च एंटी बॉयोटिक के तौर पर भी काम करता है. इसके अलावा आजवाइन सर्दी और नाक की रुकावट को दूर करता है.


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