Weekly Festival Calendar 2020: पंचांग के अनुसार नया सप्ताह चतुर्थी तिथि से प्रारंभ हो रहा है. हिंदू धर्म में बैशाख माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. इसलिए सप्ताह की शुरूआत भगवान गणेश की पूजा हो रही है. आइए जानते हैं इस सप्ताह के पर्व और व्रत के बारे में.


27 अप्रैल 2020- विनायक चतुर्थी
विनायक चतुर्थी की तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है. इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. गणेश जी को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन जैसे संकट में विघ्नहर्ता की उपासना विशेष फल और ऊर्जा प्रदान करेगी.  इस दिन पूजा का समय प्रात: 11 बजकर 01 मिनट से दोपहर 1 बजकर 37 मिनट तक रहेगा.


28 अप्रैल 2020- आद्य शंकराचार्य जयंती
आदि शंकराचार्य को एक महान हिन्दू दार्शनिक और धर्मगुरु माना जाता है. आदि शंकराचार्य जी का जन्म 788 ईसा पूर्व केरल के कालड़ी में हुआ था. वैशाख मास की शुक्ल पंचमी के दिन आदि गुरु शंकराचार्य जयंती मनाने की परंपरा है. इस वर्ष आद्यगुरू शंकराचार्य जयंती है. मान्यता के अनुसार इन्हें भगवान शंकर का अवतार माना जाता है. आदि शंकराचार्य जी ने अद्वैत वाद के सिंद्धांत को प्रतिपादित किया था.


30 अप्रैल 2020- चित्रगुप्त जयंती
मान्यता है कि भगवान चित्रगुप्त ब्रह्मा जी के अंश से उत्पन्न हुए हैं. भगवान चित्रगुप्त को यमराज का सहयोगी भी माना जाता है. एक कथा के अनुसार भगवान विष्णु ने जब सृष्टि की कल्पना की तो उनकी नाभि से एक कमल निकला. जिस पर एक पुरूष आसीन था. जो ब्रह्मा कहलाए. ब्रह्मा जी ने सृष्टी की रचना की. इसी क्रम में यमराज का जन्म हुआ. जिन्हें धर्मराज कहा गया. धर्मराज ने ब्रह्मा जी से एक सहयोगी की मांग की. इसके लिए ब्रह्मा जी ने एक हजार वर्ष की तपस्या की जिसके फलस्वरूप एक पुरूष उत्पन्न हुआ. इस पुरूष का जन्म ब्रह्मा जी की काया से हुआ था अत: ये कायस्थ कहलाए और इनका नाम चित्रगुप्त पड़ा. 30 अप्रैल को चित्रगुप्त जयंती है.


30 अप्रैल 2020- गंगा सप्तमी
गंगा सप्तमी का पर्व यम द्वितीया के दिन मनाया जाएगा. कायस्थ समाज में इस पर्व का विशेष महत्व है. मान्यता है कि इस दिन ही गंगा मैया पृथ्वी पर आई थीं. इसलिए इस दिन को गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है. एक अन्य मान्यता के अनुसार वैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा मैया स्वर्ग से भगवान शंकर की जटाओं में पहुंची थीं.


2 मई 2020- सीता नवमी
इस दिन माता सीता ने पृथ्वी पर मिथिला के राजा जनक के यहां अवतार लिया था. इस दिन को सीता नवमी के रूप में मनाया जाता है. इस तिथि को जानकी नवमी के नाम से जाना जाता है. वैशाख शुक्ल नवमी को सीता जी की जयंती मनाई जाती है लेकिन कहीं कहीं फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को भी सीता जयंती मनाए जाने की परंपरा है. रामायण में इन दोनों ही तिथियां को सीता के प्रकाट्य के लिए उचित माना गया है.


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