Vaishakh Purnima 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा (Purnima) तिथि का धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व होता है. पंचांग के अनुसार वैशाख माह (Vaishakh Month 2024) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को वैशाख पूर्णिमा कहा जाता है. इसे पीपल पूर्णिमा और बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima 2024) के नाम से भी जाना जाता है.


यह तिथि पूजा-पाठ और स्नान-दान के बहुत ही शुभ होती है. साथ ही इस दिन लोग घर पर भगवान सत्यनारायण की पूजा (Satyanarayan Puja) और कथा का अनुष्ठान भी कराते हैं.


धार्मिक मान्यता के अनुसार वैशाख माह की शुभ तिथि पर ही भगवान बुद्ध (Bhagwan Buddha) का जन्म हुआ था. इसलिए इसे बुद्ध जयंती (Buddha Jayanti 2024) के रूप में भी मनाया जाता है.


आइये जानते हैं इस वर्ष कब है वैशाख पूर्णिमा और पूजा-पाठ, स्नान-दान के लिए कौन से मुहूर्त हैं शुभ?


वैशाख पूर्णिमा 2024 कब (Vaishakh Purnima 2024 Kab hai)


वैशाख पूर्णिमा इस वर्ष गुरुवार 23 मई 2024 को पड़ रही है. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि का आरंभ आज यानी बुधवार शाम 06 बजकर 47 मिनट से हो जाएगा और इसकी समाप्ति 23 मई गुरुवार को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगी.


उदयातिथि मान्य होने के कारण वैशाख पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी. इसी दिन व्रत,स्नान और दान से जुड़े सभी धार्मिक कार्य किए जाएंगे.


वैशाख पूर्णिमा पर बनेंगे ये शुभ योग (Vaishakh Purnima Shubh Yog)



  • सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yog): 23 मई सुबह 09 बजकर 15 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 26 मिनट तक.

  • परिघ योग (Parigha Yog): 23 मई सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक.

  • शिव योग (Shiv Yog): परिघ योग समाप्त होने के बाद शिव योग शुरू हो जाएगा.


वैशाख पूर्णिमा पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (Vaishakh Purnima Puja Muhurat)


वैशाख पूर्णिमा पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Lakshmi Ji) की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा के लिए सुबह 09 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक का समय सबसे शुभ रहेगा. क्योंकि इस बीच सर्वार्थ सिद्धि योग और अभिजीत मुहूर्त भी रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी.


वैशाख पूर्णिमा पर स्नान-दान का समय (Vaishakh Purnima Snan-Daan Time)


पूर्णिमा तिथि पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और इसके बाद अपने सामार्थ्यनुसार दान करते हैं.


यदि नदी स्नान संभव न हो तो घर पर भी गंगाजल (Gangajal) मिलाकर स्नान किया जा सकता है. वैशाख पूर्णिमा पर स्नान करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ होता है. स्नान के लिए सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 45 मिनट तक का समय रहेगा.


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