Somvati Amavasya 2020: सोमवती अमावस्या को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना गया है. सोमवती अमावस्या को एक पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों को नहीं करना चाहिए, इस बात का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है.


सोमवती अमावस्या पर क्या करना चाहिए
पौराणिक मान्यता के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और दीपदान करने से सुख समृद्धि और सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, साथ ही भगवान का आर्शीवाद प्राप्त होता है.


जॉब, व्यापार और सेहत से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं
सोमवती अमावस्या को विधि पूर्वक पूजा करने और पवित्र नदी में स्नान करने से कई प्रकार के रोगों से बचाव होता है. वहीं नदी के किनारे पूजा करने और दान करने से ग्रहों की अशुभता दूर होती है. जिससे जॉब और बिजनेस से जुड़ी समस्याएं दूर करने में मदद मिलती है.


अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करें
अमावस्या की तिथि पर पितरों को प्रसन्न करना चाहिए. इस दिन पितरों की आदर पूर्वक पूजा और उपासना करनी चाहिए. उनसे गलत कार्यों के लिए क्षमा याचना और आर्शीवाद बनाए रखने की प्रार्थना करनी चाहिए.


अमावस्या की रात इन बातों का ध्यान रखें
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या के दिन पितृ, पिशाच, निशाचर, रात्रिचर जीव-जंतु आदि अधिक सक्रिय होते हैं. इसलिए इस तिथि पर कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस तिथि पर विशेष तौर पर रात्रि में नकारात्मक ऊर्जा अधिक जागृत होती है. इसलिए इस दिन तनाव और बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए. रात्रि में यात्रा करने से बचना चाहिए.


युवतियां इन बातों का रखें ध्यान
अमावस्या की तिथि पर चंद्रमा नजर नहीं आता है. चंद्रमा को ज्योतिष शास्त्र में मन का कारक माना गया है. चंद्रमा न दिखने के कारण जो लोग अधिक भावुक होते हैं उन्हें परेशानी होने लगती है. स्त्रियां अधिक भावुक और कोमल मन की होती हैं इसलिए अमावस्या पर मन में नकारात्मक विचारों न लाएं और प्रसन्न रहें और भगवान का स्मरण करें.


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