Shani Sade Sati and Dhaiya 2026: शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है. वे हर इंसान को अपने कर्मों के अनुसार फल देते हैं. शनि देव हर ढाई साल में एक बार अपनी राशि बदलते हैं. साल 2026 में शनि देव किसी भी राशि में परिवर्तन नहीं करेंगे.
मगर कुछ राशियों पर तब भी साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव बना रहेगा. जिससे उनके जीवन में मानसिक तनाव या धन से जुड़ी दिक्कतें आ सकती हैं.
ऐसे में शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए इन 5 वस्तुओं को अपने घर में रखें. इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और कठोर प्रभाव भी कम होता है. आइए जानते है उन वस्तुओं के बारे में.
1. लोहे का छल्ला
नए साल 2026 में कोई व्यक्ति साढ़ेसाती या ढैय्या से गुजर रहा है तो, शनिवार के दिन सरसों तेल से अभिषेक किए हुए लोहे के छल्ले को धारण करें या फिर उसे मंदिर में चढ़ा दें, यह करने से शनि से जुड़ी बाधाएं कम हो जाती है. वहीं शनि देव को लोहे से विशेष संबंध भी माना जाता है. इस छल्ले से धैर्य, स्थिरता और मनोबल भी बढ़ाता है.
2. काले तिल
शनि देव को काला तिल बेहद प्रिय है, इसलिए सुबह स्नान करते हुए पीनी में थोड़ा सा काला तिल डाल दें या शनिवार के दिन इसका दान कर दें. इससे आपके जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी. 2026 के ग्रह-गोचर के अनुसार यह वस्तु शनि के प्रकोप को शांत करने में भी मददगार मानी गई है.
3. काला कपड़ा या वस्त्र
काले रंग को शनि देव का प्रतीक माना गया है. 2026 में जिन भी राशियों पर शनि कि साढ़ेसाती का प्रभाव होगा, वे शनिवार के दिन जरूरतमंदों को काला कपड़ा दान करें. क्योंकि यह शनि देव की कृपा पाने का सबसे सरल तरीका है.
4. शनि यंत्र
शनि यंत्र को घर के पूजा स्थान या कामकाज की जगह पर स्थापित करने से शनि की खराब दशा का असर कम होता है. यह यंत्र शनि के अशुभ प्रभावों को रोककर कार्यों में सफलता दिलाने में भी मदद करता है. इसलिए 2026 में ज्योतिष सलाह के बाद इस यंत्र को सही विधि से प्राण-प्रतिष्ठित करके ही स्थापित करें.
5. सरसों का तेल
शनिवार को सरसों का तेल दान करना या शनि मंदिर में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है. सरसों का तेल शरीर और मन दोनों को स्थिरता देता है. यह शनि देव के क्रोध को शांत कर जीवन में शांति, धन, स्वास्थ्य और सफलता का मार्ग खोल सकता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.