Bhagat Singh Jayanti 2023: भगत सिंह एक क्रांतिकारी थे. जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपनी जान की परवाह किया बिना अंग्रेजों से जमकर टक्कर ली. 28 सितंबर का दिन भगत सिंह की जंयती के रुप में मनाया जाता है. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में हुआ था. महज 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने देश को स्वत्रंता दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. भगत सिंह का ये जुनून देख कर ब्रिटिश सम्रराज्य हिल गया था. इसीलिए भगत सिंह के इस योगदान को आज हम उनकी जयंती पर याद कर रहे हैं. भगत सिंह को लिखने का बहुत शौक था, जेल में भी भगत सिंह लिखते थे और उनकी डायरी चर्चित थी. भगत सिंह ने हंसते-हंसते अपने प्राण अपने देश के लिए न्योछावर कर दिए.


खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं, मरकर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूँ उन्हें सलाम ए वतन पे मिटने वालों, तुम्हारी हर साँस में तिरंगे का नसीब बसता है.





राख का हर एक कण, मेरी गर्मी से गतिमान है, 
मैं एक ऐसा पागल हूं, जो जेल में भी आजाद है.




इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना, 
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना, 
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने, 
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना.




मुझे तन चाहिए, ना धन चाहिए, 
बस अमन से भरा यह वतन चाहिए,
 जब तक जिंदा रहूं, इस मातृ-भूमि के लिए, 
और जब मरूं तो तिरंगा ही कफन चाहिए.





इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज्बातों से 
अगर में इश्क लिखना भी चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है.




लिख रहा हूं मै अजांम जिसका कल आगाज आयेगा,
मेरे लहू का हर एक कतरा इकंलाब लाऐगा.





सीनें में जुनूं, आंखों में देशभक्ति की चमक रखता हूं, 
दुश्मन की सांसें थम जाए, आवाज में वो धमक रखता हूं.




भारत माता के सच्चे सपूत जननायक शहीद आजाद भगत सिंह जी की जयंती पर शत-शत नमन




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