Satyanarayan Puja Vrat Date List in 2023: भगवान नारायण श्री हरि विष्णु के कई रूपों में एक हैं. भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप को सत्य का अवतार माना गया है. सत्यनारायण की पूजा और व्रत से स्वास्थ्य, समृद्धि, धन और वैभव की प्राप्ति होती है. वैसे तो सत्यनारायण पूजा किसी भी मास के शुक्लपक्ष को शुभ मुहूर्त में कराई जा सकती है.


लेकिन पूर्णिमा के दिन घर पर सत्यनारायण पूजा करना बेहद शुभ होता है. नए साल 2023 के पहले माह यानी जनवरी में शुक्रवार 6 जनवरी के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाएगी और व्रत रखा जाएगा. जानते हैं साल 2023 में सत्यनारायण व्रत और पूजा के लिए तिथियों की सूची और शुभ मुहूर्त


सत्यनारायण पूजा के लिए पूर्णिमा के दिन सुबह और शाम दोनों ही समय शुभ माने जाते हैं. लेकिन शाम के समय पूजा करना सबसे उत्तम होता है. इसका कारण यह है कि कई बार सुबह के समय ही पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाती है, ऐसे में सांयकाल (शाम) में श्री सत्यनारायण पूजा को अधिक प्राथमिकता दी जाती है. यदि आप सुबह में सत्यनारायण पूजा करना चाहते हैं तो इसके लिए पंचांग देखकर पूजा कर सकते हैं.


सत्यनारायण व्रत की पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद एक चौकी  में पीले रंग का कपड़ा बिछाकर सत्यनारायण भगवान की प्रतिमा स्थापित करें और चौकी के चारों ओर केले के पत्ते बांध दें. अब पूजा के लिए पंचामृत तैयार करें. पंचामृत में दूध, घी, दही, गुड़, पंचमेवा, तुलसी पत्ता डालकर तैयार की जाती है. पूजा की चौकी में एक जल से भरा कलश रखें और घी का दीपक जलाएं. भगवान का चंदन से तिलक करें. इसके बाद जनेऊ, फूल-माला, इत्र, नवैद्य और फल आदि अर्पित कर विधिपूर्वक पूजा करें. इसके बाद सत्यनारायण व्रत की कथा सुने और सत्यनारायण भगवान की आरती करें. आरती के बाद पंचामृत का प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलें.


सत्यनारायण व्रत-पूजन का महत्व



  • मान्यता है कि प्रत्येक माह में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान का व्रत और पूजन करने से घर पर सुख-समृद्धि आती है और मनोकामना की पूर्ति होती है.

  • इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा के साथ ही विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना भी उत्तम होता है.

  • सत्यनारायण पूजा व्यक्ति को सभी आपदाओं से बचाती है. जो भक्त या श्रद्धालुक इसकी कथा को विस्तृत रूप से सुनने हैं, उन्हें भी इसका फल प्राप्त होता है.

  • सत्यनारायण कथा के मूल पाठ के पाठान्तर में लगभग 170 श्लोक हैं, जोकि संस्कृत में हैं. इन्हें 5 अध्यायों में विभाजित गया है.

  • सत्यनारायण पूजा की पौराणिक कथा में स्वयं भगवान विष्णु द्वारा कहा गया है कि, जो व्यक्ति इस व्रत को करता है, उसके समस्त दुख दूर होते हैं.


साल 2023 में सत्यनारायण पूजा-व्रत के लिए तिथि और मुहूर्त की सूची


6 जनवरी 2023 शुक्रवार, पौष पूर्णिमा
प्रारंभ - 6 जनवरी, 02:14 पूर्वाह्न
समाप्त – 7 जनवरी, 04:37 पूर्वाह्न

5 फरवरी 2023 रविवार, माघ पूर्णिमा
प्रारंभ - 4 फरवरी, 09:29 अपराह्न
समाप्त – 5 फरवरी 11:58 अपराह्न


7 मार्च 2023 मंगलवार, फाल्गुन पूर्णिमा
प्रारंभ – 6 मार्च, 04:17 अपराह्न
समाप्त -7 मार्च 06:09 अपराह्न
5 अप्रैल 2023 बुधवार, चैत्र पूर्णिमा
प्रारंभ – 5 अप्रैल, 09:19 पूर्वाह्न
समाप्त – 6 अप्रैल 10:04 पूर्वाह्न

5 मई 2023 शुक्रवार, वैशाख पूर्णिमा
प्रारंभ - 04 मई, 11:44 अपराह्न
समाप्त – 5 मई, 11:03 अपराह्न

3 जून 2023 शनिवार, ज्येष्ठ पूर्णिमा
प्रारंभ -  3 जून, 11:16 पूर्वाह्न
समाप्त – 4 जून, 09:11 पूर्वाह्न

3 जुलाई 2023 सोमवार, आषाढ़ पूर्णिमा
प्रारंभ – 2 जुलाई, 08:21 अपराह्न
समाप्त – 3 जुलाई, 05:08 अपराह्न

1 अगस्त 2023 मंगलवार, श्रावण पूर्णिमा
प्रारंभ – 1 अगस्त, 03:51 पूर्वाह्न
समाप्त – 2 अगस्त, 12:01 पूर्वाह्न

30 अगस्त 2023 बुधवार, श्रावण पूर्णिमा
प्रारंभ – 30 अगस्त, 10:58 पूर्वाह्न
समाप्त – 31 अगस्त, 07:05 पूर्वाह्न


29 सितंबर 2023 शुक्रवार, भाद्रपद पूर्णिमा
प्रारंभ – 28 सितंबर, 06:49 अपराह्न
समाप्त – 29 सितंबर, 03:26 अपराह्न

28 अक्टूबर 2023 शनिवार, अश्विन पूर्णिमा
प्रारंभ - 28 अक्टूबर, 04:17 पूर्वाह्न
समाप्त – 29 अक्टूबर, 01:53 पूर्वाह्न

27 नवंबर 2023 सोमवार, कार्तिक पूर्णिमा
प्रारंभ - 26 नवंबर, 03:53 अपराह्न
समाप्त - 27 नवंबर, 02:45 अपराह्न

26 दिसंबर 2023 मंगलवार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा
प्रारंभ – 26 दिसंबर, 05:46 पूर्वाह्न
समाप्त – 27 दिसंबर, 06:02 पूर्वाह्न


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