Sarojini Market: दिल्ली में सरोजनी नगर मार्केट कपड़ों का एक ऐसा बाजार जहां काफी कम कीमतों पर कपड़ों से लेकर जूते, चप्पल, बैग और दूसरे सामान आसानी से मिल जाते हैं. कई लोगों की तो ये ड्रीम मार्केट है.
दिल्ली की इस मार्केट में आपको लेटेस्ट, ट्रेंडी और न्यू स्टॉक के सामान भी आसानी से मिल जाते हैं. लेकिन इस मार्केट को लेकर कथावाचक शिवम साधक महाराज ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
इतने सस्ते कपड़े आते कहां से हैं?
हमारे जानकार ने सरोजिनी नगर मार्केट में कपड़े बेचने वालों से बातचीत की तो उन्होंने बताया, यहां पर अधिकतर कपड़े बड़े ब्रांड और दुकानों के रिजक्ट हुए आते हैं. फिर उन्हें कैटेगरी के आधार पर बांटा जाता है.
सरोजनी में मिलने वाले अधिकतर कपड़े लो क्वालिटी के होते हैं. इन कपड़ों में स्टिचिंग, फिटिंग, फिनिशिंग और लेबल से जुड़ी बड़ी दिक्कत शामिल हैं.
इस तरह के गड़बड़ी वाले कपड़े बड़े ब्रांड द्वारा रिजेक्ट कर दिए जाते हैं. इन्हीं ब्रांड और फैक्टरी से रिजेक्ट हुए कपड़ों को बल्क में बेचा जाता है, जो दुकानदार खरीदकर सरोजनी नगर मार्केट में लेकर आते हैं.
कथावाचक शिवम साधक ने क्या कहा?
कथावाचक शिवम साधक महाराज के अनुसार, दिल्ली के सरोजनी मार्केट में 100 से 200 के बीच में ब्रांडेड कपड़े मिल जाते हैं. इस मार्केट में हर समय हजारों की संख्या में खरीदार शॉपिंग करने आते हैं.
उन्होंने कहा कि, भारत के अलावा कई देशों में ऐसी प्रथा है, जहां लोग एक ही बार कपड़े पहनते हैं और दूसरी बार उस कपड़े को फेंक देते है या फिर किसी जरूरतमंद को दान कर देते हैं.
इन देशों से जहाज के जरिए कंटेनर में भरकर कपड़े लाए जाते हैं और भारत में कम दाम में बेचे जाते हैं. जिसे लोग खरीदते हैं. हो सकता है उन कपड़ों में किसी की अधूरी इच्छाएं छिपी हो. संभावना है कि उन कपड़ों में किसी की मृत्यु हुई हो.
ऐसे में आप एक कपड़ा ही नहीं ले रहे हो, बल्कि उसके साथ नकारात्मक ऊर्जा, आर्थिक संकट और कई तरह की बीमारियों को भी बुलावा दे रहे हो.
अगर फिर भी आप इस तरह के कपड़ों को पहनना पसंद करते हैं तो उसे खरीदने के बाद सीधा पहनने की बजाए नमक वाले पानी से धोकर पहनें, जिससे इसकी नकारात्मक ऊर्जा काफी हद तक कमजोर हो जाएगी.
थोक रेट में आता है माल
इस पर जब हमने लोकल शॉप कीपर से बात की तो उन्होंने इसे पूरी तरह से अफवाह बताया. उन्होंने कहा कि, सुबह करीब 3 बजे पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में ये कपड़ों का माल आता है.
जहां दुकानदार थोक रेट में इन्हें खरीदते हैं. इसमें टीशर्ट से लेकर लेदर की बेल्ट, जींस, शर्ट और लेडीज आइटम से जुड़े कई सामान होते हैं.
ये बात साफ है कि, थोक में लाए गए कपड़े अक्सर गंदे होते हैं, जिन्हें रखने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं होती है. ऐसे में अधिकतर दुकानदार इन्हें बड़े-बड़े बैगों में भरकर रख देते हैं, जिस कारण ये गंदे होने के साथ सिकुड़े भी जाते हैं. इसलिए इन कपड़ों को पहनने से पहले अच्छे से साफ कर लेना चाहिए.'
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