Safalta ki kunji: जीवन में कामयाबी का मूल मंत्र परिश्रम है, लेकिन इसके लिए आप खुद को पूरी तरह फिट और ऊर्जा से भरपूर रखने की जरूरत है. मगर वर्तमान समय की दौड़धूप भरी जिंदगी में हर किसी के लिए यह संभव नहीं है, ऐसे में जरूरी है कि अपनी ऊर्जा बचाकर उसे सही दिशा में इस्तेमाल किया जाए, जिससे न सिर्फ आपको परिश्रम के लिए ताकत मिलेगी, बल्कि सेहत भी संवरेगी. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ टिप्स...



  1. विद्वानों के मुताबिक जीवन में उन्नति के पथ पर बढ़ना है तो आलस्य, प्रमाद, भोग, दुर्व्यसन, दुर्गुण और दुराचार को जहर की तरह समझकर त्याग देना चाहिए. इसकी जगह सदगुण-सदाचार, विद्या अभ्यास, माता-पिता, गुरुजनों की सेवा, दुःखी-अनाथ प्राणियों का सहयोग आपको सकारात्मक ऊर्जा से भरेगा.

  2. सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ वातावरण में प्राणायाम करें. इसके बाद तुलसी के 5-7 पत्ते चबाकर एक गिलास पानी पीएं, लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी के पत्तों के टुकड़े मुंह में रह न जाएं. इनसे सर्वाधिक बुद्धिशक्ति बढ़ती है. सावधानी रखें कि तुलसी और दूध के सेवन के बीच दो घंटे अंतर बनाए रखें.

  3. रोजाना छह घंटे से अधिक सोना, दिन में नींद लेना, काम में लापरवाही, अनावश्यक विलम्ब आदि आलस्य के सबसे बड़े मित्र हैं, जो हमें सर्वाधिक हानि देते हैं. मन, वाणी और शरीर की ढिलाई और काम की ओर से उत्साह नहीं दिखाना, योग्य कार्य की अवहेलना प्रमाद है., जिसे तत्काल छोड़ना ही लाभप्रद होगा.

  4. ऐश, आराम, स्वाद-लोलुपता, फैशन, अधर्म को बढ़ावा देने वाले साहित्य, वीडियो, अश्लील वेबसाइटें, क्लबों में जाना आदि भोग हैं. इनसे काम, क्रोध, लोभ, मोह, दम्भ, अहंकार, ईर्ष्या आदि दुर्गुण आते हैं, जो समय के साथ हमारी शक्ति का क्षरण करते हैं.

  5. संयम, क्षमा, दया, शांति, समता, सरलता, संतोष, ज्ञान, वैराग्य, निष्कामता आदि सदगुण अपनाते हुए दान, तप, तीर्थ, व्रत और सेवा-पूजा, अहिंसा, सत्य का पालन सदाचार से खुद को जोड़ना चाहिए.


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