पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों में विशेष स्थान प्राप्त है. पुष्य नक्षत्र जब रविवार के दिन पड़ता है तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र योग कहा जाता है. इसे रवि पुष्य महायोग के नाम से भी जाना जाता है.


Ravi Pushya Yog, Pushya Nakshatra: पंचांग के अनुसार 11 जुलाई, रविवार को आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पुष्य नक्षत्र है. चंद्रमा इस दिन कर्क राशि में गोचर कर रहा है. इस दिन रवि पुष्य का महासंयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार इस दिन साल का दूसरा रवि पुष्य योग है. इससे पहले 13 जून 2021 को पहला रवि पुष्य योग था. साल का अंतिम रवि पुष्य योग 08 अगस्त 2021, रविवार को बन रहा है.


रवि पुष्य योग हिंदू धर्म एक शुभ मुहूर्त के रूप में देखा जाता है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य फलित होते हैं यानि सफलता प्राप्त होती है. 11 जुलाई रविवार को बनने वाला रवि पुष्य योग भी ऐसा ही शुभ योग है. विशेष बात ये है कि इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. 


रवि पुष्य योग का महत्व
शास्त्रों में रवि पुष्य योग को किसी नए कार्य को करने के लिए अत्यंत शुभ मना गया है. वहीं इस दिन नई वस्तुओं को खरीदकर घर पर लाना भी अच्छा माना जाता है. इस दिन प्रोपर्टी, दुकान, वाहन और आभूषण आदि को खरीदना शुभ माना गया है. खास बात ये भी है कि रविवार को रवि पुष्य योग 12 जुलाई प्रात: 2 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. इस दिन स्वर्ण और चांदी को खरीदना बहुत ही शुभ माना गया है.


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