Moti Ke labh: ज्योतिष शास्त्र में मोती को नवरत्नों में शामिल किया गया है. हालांकि इसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो यह एक जैविक पदार्थ है. यह मोती भिन्न-भिन्न प्रकार के रंगों की होती हैं. ज्योतिष में इनका संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह से संबंधित रत्न पहनने से उस ग्रह के दोष दूर हो सकते हैं. इसके अलावा कुछ रत्नों का संबंध हिंदू धर्म की देवी देवताओं से भी होता है. सामान्य तौर पर मोती का संबंध चंद्रमा से होता है. परन्तु मोती माता लक्ष्मी जी को भी बेहद पसंद है. माना जाता है कि सफ़ेद मोती पहनने से मां लक्ष्मी की विशेष अनुकंपा होती है. आइये जानें मोती पहनने से क्या- क्या लाभ होते हैं.


पौराणिक कथा


पौराणिक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन के दौरान समुद्र से हुआ था. वहीं मोती भी में ही प्राप्त होती है. इस लिए माता लक्ष्मी को मोती बहुत प्रिय है. मोती का उपयोग माता लक्ष्मीको चढ़ाने के लिए भी किया जाता है. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान मौलिक मोती अर्पित की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी भक्तों पर बहुत खुश होती हैं और उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं. मां लक्ष्मी जी की कृपा से भक्त को कभी धन-वैभव की कमी नहीं होती है. उनका घर परिवार सुख-शांति से भर जाता है.


मान्यता है कि मोती की माला धारण करने या फिर छोटी अंगुली में मोती धारण करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है.



मोती धारण करने के लाभ



  1. मोती की मान्यता सफ़ेद रत्न के रूप में की गई है. इसे धारण करके मां लक्ष्मी और शुक्र को प्रसन्न किया जा सकता है.

  2. मोती पहने से मन शांत रहता है. मानसिक तनाव में कमी आती है.

  3. जिन लोगों को किसी तरह की मानसिक समस्या है तो उन्हें सफ़ेद या क्रीम कलर की मोती अंगुली में धारण करना चाहिए. माना जाता है कि इसे धारण करने से मानसिक समस्या सामाप्त होती है. व्यक्ति का अवसाद कम हो जाता है.

  4. मोती धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदा बनी रहती है तथा आपके घर में कभी धनाभाव नहीं होता है.

  5. मोती को चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए.