देश दुनिया में पवित्र महीने रमजान की शुरुआत आध्यात्मिक उत्साह के साथ हो गई है. हालांकि ये समय प्रार्थना में विनम्र होने का होता है, लेकिन कभी-कभी महीने के दौरान शरीर को कीमत चुकानी पड़ सकती है. शरीर का दैनिक रूटीन के आदी होने से पहले रोजे के शुरुआती दिनों में किसी को संघर्ष करना पड़ सकता है. सोने और खाने की आदतों में बदलाव, बढ़ती तपिश, रमजान के दौरान जोखिम भरा हो सकता है, यहां तक कि उन लोगों के लिए ज्यादा सख्त जो पूरे महीने रोजे का पालन करते हैं. इस पवित्र महीने के दौरान परेशानी से मुक्त और स्वस्थ रहने की खातिर मंसूबा बना सकते हैं. आपपको शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बीच चुनना नहीं पड़ेगा. चंद बदलाव अपनी रूटीन में लाकर दोनों की देखभाल कर सकते हैं. 


सेहरी को ब्रेकफास्ट की तरह समझें
हमारी रोजाना की रूटीन में ब्रेकफास्ट की तरह, सेहरी, रमजान के दौरान दिन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. अगर सूर्यास्त तक कोई रोजा रखेगा, तो उसे ऊर्जा की जरूरत दिन के काम के लिए होगी. सेहरी खाकर खुद को ऊर्जावान रखना न सिर्फ दिन के लिए आपको तैयार रखेगा बल्कि सुनिश्चित भी करेगा कि आपके ऊर्जा लेवल में कमी न आए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कितना आप थके हैं या नींद की कमी है. जरूरी है कि आप अलार्म फज्र की नमाज से 40-50 मिनट पहले का अलार्म सेट कर लें. खुद को समय पर जगाने, खाने, ताजा होने आप सक्षम हो सकेंगे.


दिन में 20 मिनट हल्की झपकी लें
शरीर का संपूर्ण स्वास्थ्य पर्याप्त नींद की बुनियाद पर बनाया जाता है. रोजे के दौरान फिट रहने का एक प्रमुख फैक्टर दिन में 20 मिनट की झपकी के साथ नींद की कमी को पूरा करना है. ध्यान रखना जरूरी है कि हल्की झपकी को लंबी नींद का भ्रमित न समझ लिया जाए क्योंकि इससे शरीर ज्यादा सुस्त बनता है, जिसके नतीजे में आप दिन भर उत्पादक रहने में विफल हो सकते हैं.


हाइड्रेटेड रहिए और धूप से बचें
रमजान के दौरान अहम हिस्सा रोजा रहते हुए डिहाइड्रेशन को नजरअंदाज करना है. सेहरी और इफ्तार के समय जितना हो सके तरल पदार्थों का सेवन करें. आप उसे ताजा जूस के साथ ज्यादा दिलचस्प बना सकते हैं. कॉफी, चाय या शुगर से भरपूर गैस युक्त ड्रिंक्स को नजरअंदाज करें क्योंकि उससे वास्तव में ज्यादा प्यास लग सकती है और अंत में डिहाइड्रेशन हो सकता है. रोजे के दौरान आकार में रहने के लिए ये भी सलाह योग्य है कि आप सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में आने से बचें और दिन का ज्यादा समय ठंडी जगहों पर बिताएं.


इफ्तार में ज्यादा खाने से परहेज करें
दिन भर भूखा रहने के बाद इफ्तार में ज्यादा खाने का मजबूत प्रलोभन हो सकता है, जिससे सुस्ती, पेट में ऐंठन और पाचन की समस्याएं हो सकती हैं. ध्यानपूर्वक खाना इसके बारे में नहीं है कि आप क्या खाते हैं बल्कि ये देखना है कि आप कितना खाते हैं. एक आसान उपाय भूख से बचने का ये है कि ऐसे फूड का इस्तेमाल किया जाए जो इफ्तार के दौरान पचने में ज्यादा समय लगाए. रमजान के दौरान ये भी जरूरी है कि खाली कैलोरी और जंक फूड को नजरअंदाज किया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि हर भोजन में प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्ट्स का स्वस्थ हिस्सा शामिल हो.


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