Pitru Paksha 2020: पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है. सोमवार को पंचमी श्राद्ध है. पितृ पक्ष का यह श्राद्ध बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. इसलिए दिन श्राद्ध करने के दौरान नियमों को पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए तभी आज के श्राद्ध का पूर्ण लाभ प्राप्त होता है.


पंचमी श्राद्ध के नियम
पंचमी श्राद्ध आश्विन मास की पंचमी तिथि को किया जाता है. इस दिन उन लोगों का श्राद्ध करने का विधान है जिनकी जिनकी मृत्यु पंचमी की तिथि को हुई हो. इसके अतिरिक्त इस दिन उन लोगों का भी श्राद्ध किया जाता है जो अविवाहित ही काल के ग्रास में समा जाते हैं. पंचमी श्राद्ध को कुंवारी पंचमी श्राद्ध और कुंवारा पितृ भी कहते हैं. इस दिन भाई, भतीजा, भांजे आदि का भी पिंडदान होता है.


राहु काल में न करें पिंडदान और तर्पण
पंचमी श्राद्ध में इस बात का विशेष ध्यान रखें की श्राद्ध कर्म की प्रक्रिया शुभ मुहूर्त में करें. राहु काल में पिंडदान और तर्पण न करें. राहु काल आज 17:01:59 से 18:36:19 तक रहेगा.


पंचमी श्राद्ध की विधि
पंचमी श्राद्ध कर्म आरंभ करने से पहले स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने और गंगाजल, कच्चा दूध, तिल, जौ और शहद मिश्रति जल अर्पण करें. इसके बाद पूर्वजों का स्मरण करते हुए पूजन करें. पंचमी श्राद्ध में गाय के घी का दीप, चंदन की अगरबत्ती जलाएं, शहद, लाल फूल, लाल चंदन और अशोक का पत्ता पूर्वजों को अपिर्त करें, फिर चावल और जौ के आटे के पिंड आदि अर्पति आदि कार्य करने के बाद दान दें.


ये कार्य न करें 
पंचमी श्राद्ध के दिन बुराई आदि से बचना चाहिए. इस दिन झूठ भी नहीं बोलना चाहिए. क्रोध आदि पर काबू रखते हुए वाणी को भी अशुद्ध होने से बचाना चाहिए.


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