कोरोना के कारण इस साल उत्तराखंड, यूपी, दिल्ली में कांवड़ यात्रा नहीं होगी. झारखंड में भी बाबा वैद्यनाथ का श्रावणी मेला और कांवड़ यात्रा लगातार दूसरे साल रद्द कर दिए गए हैं. संथाल परगना के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने बिहार, झारखंड और बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बुधवार को वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने बासुकीनाथ और वैद्यनाथ धाम में जमा होनेवाली भीड़ को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की. मीटिंग में फैसला लिया गया कि पड़ोसी राज्यों में बैन को लेकर लोगों के बीच जागरुकता फैलाया जाएगा. 


कोरोना के कारण दूसरे साल भी कांवड़ा यात्रा, श्रावणी मेला रद्द 


आज से शुरू हो रहा सावन का पवित्र महीना 22 अगस्त तक रहेगा. सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है. भगवान शिव को ये महीना खास तौर से पसंद है. मान्यता है कि चातुर्मास के समय जब भगवान विष्णु शयन के लिए जाते हैं, तो सृष्टि संचालन का कार्यभार महादेव रुद्रदेव पर आ जाता है. इस बार सावन के महीने में चार सोमवार पड़ेंगे. पहला सोमवार 26 जुलाई, दूसरा 02 अगस्त, तीसरा 9 अगस्त, चौथा और आखिरी सोमवार का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा.


सावन के पहले दिन महाकालेश्वर मंदिर में बिना श्रद्धालुओं के पूजा


हालांकि, कोरोना के चलते कई राज्यों में सावन के दौरान होने वाली कांवड़ यात्रा भी इस साल नहीं होगी. झारखंड के देवघर में प्रसिद्ध शिव मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यहां भक्तों के लिए ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था की गयी है. वहीं, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सावन महीने के पहले दिन बिना श्रद्धालुओं के विशेष पूजा की गई. 






हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन महीने की शुरुआत के साथ कांवड़ यात्रा में उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से हरिद्वार में कांवड़ियों का एक बड़ा जमावड़ा होता है.


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