Nag Panchami 2023: आमतौर पर सांप का नाम सुनते है मन में डर पैदा होने लगता है लेकिन हिंदू धर्म में नाग को पूजनीय माना गया है. भारत में प्राचीन काल से ही नागों की पूजा की जा रही है. सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी मनाई जाती है. इस साल 21 अगस्त 2023 को नाग पंचमी है.


इस दिन शेषनाग, वासुकी नाग, तक्षक नाग, कर्कोटक नाग और पिंगला नाग की खास पूजा का विधान है. कहते हैं इन पांच प्रमुख नागों की वजह से ही नाग देवता कहलाते हैं. आइए जानते हैं नाग पंचमी के 5 प्रमुख नागों से जुड़ी अहम जानकारी.



नाग पंचमी के 5 प्रमुख नाग


शेषनाग - शास्त्रों के अनुसार शेषनाग को ब्रह्मांड का पहला नाग माना गया है. कहते हैं  पृथ्वी शेषनाग के सिर पर ही टिकी हुई है. महाभारत ग्रंथ के अनुसार शेषनाग त्रेतायुग में लक्ष्मण और फिर द्वापर में बलरामजी के रूप में अवतरित हुए थे. इन्हें भगवान विष्णु का परम सेवक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि शेषनाग के हजारों सिर है जिसका कोई अंत नहीं, इसलिए इन्हें अनंत भी कहा जाता है. शेषनाग कश्यप ऋषि की पत्नी कद्रू के सबसे बड़े, पराक्रमी नागराज हैं.


वासुकी नाग - शिव के गले में जो नाग विराजमान हैं उनका नाम वासुकी है. वासुकी शेषनाग के भाई माने जाते हैं. नागलोक में शेषनाग के बाद वासुकी नाग का ही स्थान आता है. वासुकी को ही रस्‍सी बनाकर सुमेरू पर्वत के चारों ओर लपेटकर सागर का मंथन किया. वासुकी नाग शिव जी के परम सेवक हैं.


तक्षक नाग - तक्षक को नागवंश में सबसे खतरनाक सर्प माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि तक्षक नाग ने ही तक्षकशिला की स्थापना की थी. तक्षक नाग के डंसने पर राजा परीक्षित की मृत्यु हुई थी, जिसका बदला लेने के लिए उनके पुत्र जनमेजय ने नाग जाति का नाश करने के लिए नाग यज्ञ करवाया था.


कर्कोटक नाग - जब नाग जाति का नाश करने के लिए जो यज्ञ किया था उसमें कर्कोटक शिव जी के वरदान से बच निकले थे. यज्ञ के दौरान कर्कोटक ने शिव जी की स्तुति की थी. मान्यता है कि वहां निकलने के बाद कर्कोटक नाग उज्जैन आ गए थे और उन्होंने शिव की घोर तपस्या की थी


पिंगला नाग - हिंदू व बौद्ध साहित्य में पिंगल नाग को कलिंग में छिपे खजाने का संरक्षक माना गया है.


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