Moon Upay: ग्रह खराब हों तो जीवन में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. समय रहते यदि इस पर ध्यान न दिया जाए तो गंभीर परिणाम उठाने पड़ते हैं. ज्योतिष में नवग्रहों की जिक्र है, ये ग्रह हमारे जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं. जीवन में जब किसी काम को करते समय अड़चने आने लगें या फिर किसी कार्य को करने में मन नहीं लग रहा है तो कौन से ग्रह प्रभावित कर रहे हैं, जानते हैं-

चंद्रमा- ये मन का कारक है, किसी भी कार्य को करने के लिए मन का अच्छा होना जरुरी है. मन यदि अच्छा नहीं तो किसी भी कार्य में सफलता मिलना मुश्किल है. इसलिए चंद्रमा को ठीक रखना जरुरी होता है. शास्त्रों में चंद्रमा को शुभ बनाने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार जब चंद्रमा कुंडली में कमजोर हो तो व्यक्ति को भय बना रहता है. किसी भी कार्य को करने से पहले उसके मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं. वहीं जब चंद्रमा पर पाप ग्रह जैसे राहु, केतु या शनि की दृष्टि है तो ये अत्यंत खराब स्थितियों को जन्म देता है. ज्योतिष के अनुसार राहु या केतु के साथ चंद्रमा हो तो ये ग्रहण योग का निर्माण करता है. शनि के साथ हो तो विष योग बनता है. कमजोर या पाप ग्रहों से पीड़ित चंद्रमा खराब सेहत भी देता है, ये सर्दी, जुकाम, नजला आदि का कारक भी बनता है, वहीं ये गले से जुड़ी परेशानी भी देता है. कभी-कभी ये फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का भी कारक बनता है.

चंद्रमा को कैसे शुभ बनाएंचंद्रमा को शुभ बनाने के लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं-

मां की सेवा करें- चंद्रमा का संबंध मां से है. यदि आप मां की बात मानते हैं और उनका आदर सम्मान करते हैं तो चंद्रमा आपको कभी खराब फल नहीं देगा.

मित्रों से धोखा न करें- चंद्रमा हमारे मित्रों का भी कारक माना गया है. चंद्रमा का स्वाभव चंचल है. ऐसे में कई बार मित्रों के साथ ऐसी हरकतें कर देते हैं जो मर्याद या नैतिकता के मापदंड पर खरी नहीं होती है. ऐसा करने से बचना चाहिए. इससे भी चंद्रमा खराब होता है. वहीं दोस्तों को कभी भी अपने व्यक्तिगत हित के लिए धोखा नहीं देना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं चंद्रमा के कारण उन्हें हानि उठानी पड़ती है.

चंद्रमा का मंत्र- चंद्रमा को शुभ बनाने के लिए ज्योतिष ग्रंथों में मंत्र बताए गए हैं, जिनका नित्य जाप कर चंद्रमा के दोष को दूर कर सकते हैं. आप भी इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं, सोमवार का दिन सबसे अच्छा बताया गया है.

ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।

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