Love Astrology: कई बार आप किसी के बेहद करीब आना चाहते हैं लेकिन सामने वाला बस महसूस नहीं करता. यह केवल मनोविज्ञान नहीं, बल्कि ग्रहों का खेल भी है. वेदिक ज्योतिष कहता है, प्रेम, आकर्षण और करिश्मा तीनों का सूत्र शुक्र, चंद्रमा और बुध ग्रह से जुड़ा है. सही ग्रह-संतुलन रिश्ते को सहज बना देता है, जबकि दोष प्रेम को अधूरा छोड़ देता है.
ज्योतिष में हर ग्रह के पास लोगों के मन पर असर डालने की अलग-अलग key होती है. आकर्षण और प्रेम का मूल स्वरूप शुक्र है, भावनाओं की स्थिरता के लिए चंद्र, संवाद और समझ बनाने के लिए बुध और वफादारी तथा प्रतिबद्धता के लिए गुरु-शक्ति और शनि का संतुलन आवश्यक है. हल्का-सा दोष और सही उपाय से तुरंत रिश्ता बदल सकता है. यह जादू नहीं, पर एक प्रैक्टिकल गाइड है.
कौन-सा ग्रह, कौन-सा असर
शुक्र (Venus) - जो आकर्षण, चार्म, सेंसुअलिटी आदि का कारक है. जन्म कुंडली में यदि शुक्र मजबूत है तो आपकी उपस्थिति और व्यक्तित्व से लोग स्वतः आकर्षित होते हैं. इसके प्रभाव को शुभ बनाने के लिए शुक्र मंत्र का जाप करना चाहिए. रत्न धारण करना है तो हीरा या पिंक पर्ल आप ज्योतिषी की सलाह लेकर पहन सकते हैं.
चंद्र (Moon) - इसका सीधा संबंध आपकी भावनाओं से है. प्रेम में भाव का विशेष योगदान होता है.कुंडली में बैठा कमजोर चंद्रमा प्रेम संबंधों में धीमा जहर घोलने का काम करता है, इसलिए इसे शुभ रखने के लिए चंद्र स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. यदि इतने से भी शुभ परिणाम प्राप्त नहीं हो रहे हैं तो सोमवार या पूर्णिमा के दिन दूध का दान कर सकते हैं.
बुध (Mercury) - सभी ग्रहों में सबसे कमाल का ग्रह, बुध को ग्रहों का राजकुमार भी कहा जाता है. इसका संबंध सेंस ऑफ ह्यूमर, हास्य- विनोद, समझदारी आदि से है. रिलेशनशिप को लंबे समय तक हेल्थी बनाये रखने में इस ग्रह की बड़ी भूमिका होती है. कोई ये संवाद यानी कम्युनिकेशन का भी कारक है. सभी जानते हैं कि आज इसी चीज की कमी से सबसे अधिक रिलेशन प्रभावित होते हैं. बुध को यदि ठीक रखना है तो बुध मंत्र का जाप करें. हरी चीज़ें का दान करें और लेखन, कविता या शायरी, सिंगिंग का अभ्यास करना चाहिए.
गुरु (Jupiter) - किसी भी रिश्ते को अंजाम तक पहुंचाने में गुरु यानी बृहस्पति ग्रह की अहम भूमिका होती है. क्योंकि ये एक अत्यंत शुभ ग्रह है, बिना इसके शुभ हुए विवाह संभव नहीं है. ये रिश्ते में आदर-सम्मान का भी कारक है. गुरु से जुड़े उपया रिश्ते में परिपक्वता और भरोसा प्रदान करते हैं.
शनि (Saturn) - शनि का नाम आते ही भय की स्थिति बन जाती है, लेकिन हर मामले में ऐसा नहीं होता है. शनि शुभ फल भी प्रदान करता है. शनि को न्याय, अनुशासन और प्रतिबद्धता, स्थायित्व का कारक माना गया है. शनि अशुभ होने पर ब्रेकअप और रिलेशनशिप में दूरियां लेकर आता है. ये कभी-कभी तलाक का भी कारक बन जाता है. ये ग्रह स्त्रियों का अपमान करने वालों को कठोर दंड देता है. धोखा देने वालों को शनि कभी माफ नहीं करते हैं, इसका ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि शनि ही व्यक्ति के कर्मों का हिसाब-किताब भी करते हैं.
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