Krishna Bal Leela: भगवान कृष्ण के अनेक रूपों से अद्भुत लीलाएं जुड़ी हैं. यशोदा का नन्दलाल और लाड़ले कान्हा का संपूर्ण व्यक्तित्व मासूमियत से भरा हुआ है. भले ही वो भगवान श्रीहरि के अवतार कहे जाते हैं, लेकिन बालक तो बालक ही होते हैं. द्वापर युग में जन्मे कान्हा की बाल लीलाएं इसलिए भी अद्भुत हैं क्योंकि वो ईश्वर के अवतार थे.


नटखट और शैतानियों के लिए मां से बचना, मैया से झूठ बोलना, माखन चुराना, शिकायत करना, अनेकों मायावियों व राक्षसों का संहार बचपन में ही कर देना तो कभी हठ करना ही चांद मुझे चाहिए. लेकिन इसके बावजूद मां यशोदा के लिए वो केवल घुटने चलते लल्ला ही थे, जिनका कभी किसी काम में दोष नहीं होता.   


लेकिन एक बार कान्हा ने मईयो यशोदा को अपने छोटे से मुख में पूरे ब्रह्मांड के दर्शन करा दिए. जिसके बाद यशोदा मां आश्चर्य रह गईं और बेहोश होकर धरती पर गिर पड़ीं. माखन-मिश्री खाने वाले कान्हा ने आखिर मिट्टी क्यों खाई थी. क्या ये मात्र बालपन की शैतानी थी या इसके पीछे कोई विशेष कारण था. आइये जानते हैं कान्हा की इस बाल लीला के बारे में.


जब कान्हा के मुख में यशोदा को दर्शन हुआ ब्रह्मांड


पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार कान्हा बलराम और कई ग्वाल बालाओं के साथ खेल रहे थे. इस बीच कान्हा ने मिट्टी खा ली. इसकी शिकायत बच्चों ने मां यशोदा से कर ली. यशोदा मैया तुंरत कान्हा के पास पहुंच गईं और उससे पूछा, लल्ला क्या तूने माटी खाई है? पहले तो मासूम कान्हा ने गर्दन हिलाकर इंकार कर दिया. लेकिन जब मैया ने उन्हें मुख खोलने के लिए कहा तो वह हैरान रह गई.


कान्हा के मुख में यशोदा को पूरे ब्रह्मांड के दर्शन हो गए. कान्हा के मुख में अंतरिक्ष, दिशाएं, द्वीप, पर्वत, समुद्र समेत पूरा ब्रह्मांड दिख रहा था. कान्हा की इस अद्भुत लीला से यशोदा मईया चकित रह गईं. एक बार तो उन्हें लगा कि शायद वह स्वप्न देख रही हो और इसके बाद वह बेहोश होकर धरती पर गिर पड़ीं. लेकिन होश आने के बाद उन्हें कुछ भी याद नहीं था.


क्योंकि कृष्ण की माया से यशोदा मईया क्षण भर में ही सबकुछ भूल गईं. जब यशोदा को होश आया तो उन्होंने तुंरत कान्हा को अपनी गोद में उठा लिया और खूब स्नेह और प्रेम किया. लेकिन प्रश्न यह है कि, आखिर कान्हा ने मिट्टी क्यों खाई?


कृष्ण ने क्यों खाई माटी?


कान्हा के अद्भुत बाल लीलाओं में मिट्टी खाना भी एक है और इसके पीछे भी एक रहस्य छिपा है. दरअसल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने जब पहली बार धरती पर पैर रखा, तब धरती ने कहा कि, प्रभु! आपने मुझकर अपने चरण कमल रखकर मुझे पवित्र कर दिया. इसके बाद धरती का मूल्य बढ़ाने के लिए कान्हा ने मिट्टी खा ली.   


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