Karwa Chauth 2023: करवा चौथ को सुहागों वाली रात कहा जाता है. स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु, सुहाग की रक्षा के लिए निर्जला व्रत कर करवा माता की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत खोलती हैं. मान्यता है कि देवी पार्वती ने भी ये व्रत किया था.


करवा चौथ में सुहागिनें ये कामना करती है कि किसी भी कारण से उन्हें अपने प्रियतम का वियोग न सहना पड़े. इस साल 1 नवंबर 2023 को करवा चौथ है. करवा माता की पूजा और उनकी कथा पढ़े बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है.


करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Katha)


पौराणिक कथा के अनुसार एक गांव में तुंगभद्रा नदी करवा देवी अपने पति के साथ रहती थी. एक बार जब करवा के पति स्नान के लिए नदी में गए तो मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ उसे अंदर खींच लिया. मृत्यु करीब देखकर करवा के पति करवा को पुकारने लगे. करवा पति की चीख सुनते ही नदी के पास पहुंचीं. पति को मृत्यु के मुंह में जाता देख करवा ने एक कच्चे धागे से मगरमच्छ को पेड़ से बांध दिया.


संकट में थे पति के प्राण


करवा के सतीत्व के कारण मगरमच्छा कच्चे धागे में ऐसा बंधा की टस से मस नहीं हो पा रहा था। करवा के पति और मगरमच्छ दोनों के प्राण संकट में फंसे थे. तभी करवा ने यमराज को पुकारा और अपने पति को जीवनदान देने और मगरमच्छ को मृत्युदंड देने के लिए कहा. यमराज करवा को बताया कि वह ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उसके पति की मृत्यु का समय निकल है और मगरमच्छ का आयु शेष है.यम देव के ऐसे वचन सुनकर करवा क्रोधित हो गई और यमराज को श्राप देने की चेतावनी दे डाली.


यमराज ने करवा के पति को दी लंबी आयु


करवा के पतिव्रता धर्म को देकर प्रसन्न हुए. उन्होंने करवा के पति  के प्राण बचा लिए और उसे जीवनदान दिया वहीं मगरमच्छ मृत्यु को प्राप्त हुआ. मान्यता है कि ये घटना कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन हुई थी. यही वजह है कि पति की लंबी आयु के लिए इस सुहागिनें व्रत रखकर शिव परिवार, करवा माता की पूजा करती हैं. हे करवा माता जैसे आपने अपने पति को मृत्यु के मुंह से वापस निकाल लिया वैसे ही मेरे सुहाग की भी रक्षा करना.


Karwa Chauth 2023 Puja Thali: करवा चौथ की पूजा थाली में क्या-क्या रखें, जानें सामग्री की पूरी लिस्ट


Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.