Karwa Chauth 2023: वैसे तो प्रतिदिन आसमान में चंद्रोदय होता है, लेकिन करवा चौथ के दिन चांद निकलने का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है और इस दिन खासकर महिलाएं आसमान की ओर टिकटिकी लगाई रहती हैं. क्योंकि चंद्रमा के दर्शन और पूजन के लिए बिना करवा चौथ का पर्व अधूरा माना जाता है.


करवा चौथ का पर्व कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल करवा चौथ आज बुधवार, 1 नवंबर 2023 को है. इस दिन सुहागिनें सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं और रात्रि में चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देने और पति को छलनी से देखने के बाद ही व्रत खोलती है. इसलिए इस व्रत में चंद्रमा को महत्वपूर्ण माना जाता है.


कई बार ऐसा हो जाता है कि, कुछ कारणों से आसमान में चांद निकलता तो है, लेकिन दिखाई नहीं देता है. इसका कारण आसमान में बादल छाए रहना, बूंदा बांदी या तेज बारिश होना हो सकता है. इस वजह से भी आसमान में चांद नजर नहीं आता है. यदि आपके शहर में भी बारिश हो रही है और आप सोचे रही हैं कि चांद को देखे बिना व्रत कैसे खोलें या पूजा कैसे तो, ऐसी स्थिति में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके लिए भी उपाय बताए गए हैं.


यदि आसमान में चांद नजर नहीं आए तो आप इन उपायों से चंद्रमा का पूजन और व्रत का पारण दोनों कर सकती हैं. इस तरह से आपका व्रत भी संपन्न हो जाएगा और पूजा का फल भी प्राप्त होगा. आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में.


करवा चौथ पर न हो चंद्र दर्शन तो करें ये उपाय



  • आपके शहर में मौसम खराब है, आसमान में बादल छाए हैं या बारिश हो रही है तो चांद का आसमान में नजर आना मुश्किल हो सकता है. ऐसी स्थिति में आपको व्रत खोलने के लिए इस उपाय को करना चाहिए. जिस दिशा से चंद्रमा उदित होता है आप उधर मुख करके चंद्रमा का ध्यान करते हुए अर्घ्य दें और अपना खोलें. 

  • भगवान शिवजी ने अपने मस्तक पर चंद्रमा को सुशोभित किया है. ऐसे में यदि आसमान में चांद नजर न आए तो आप शिवजी के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन कर पूजा-अर्चना कर लें और फिर व्रत खोल सकती हैं.

  • आपके रिश्तेदार जो किसी दूसरे शहर में रहते हों और वहां आसमान साफ हो तो, आप उनसे भी मोबाईल आदि के जरिए चंद्रमा के दर्शन कर अपना व्रत खोल सकती हैं.

  • इसके अलावा आप चावल या अक्षत से चंद्रमा का आकार बनाकर इसकी विधि-विधान से पूजा कर सकती हैं. इसके लिए आप एक चौकी में लाल रंग का कपड़ा बिछा लें और उसमें चावल या अक्षत से चंद्रमा की आकृति बनाएं. फिर ऊं चतुर्थ चंद्राय नम: मंत्र का जाप करते हुए चंद्रमा का आह्वान करें और फिर पूजा कर अपना व्रत खोलें.


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