कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु नदियों में जाकर स्नान करते हैं. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इन दोनों देवी-देवता की पूजा करने से सारी परेशानियां दूर हो जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस दिन कार्तिक मास की समाप्ति भी हो रही है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के तीन असुर भाइयों का वध कर दिया था, जिसके कारण यह पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा पर करें सत्यनारायण कथा का पाठ
कार्तिक पुरिमा के दिन विशेष रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. लोगों का मानना है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है. इस दिन लोग खास तौर पर हवन-पूजन करते हैं. इस दिन दीपदान करने के भी परंपरा है. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हमें सत्यनारायण कथा का पाठ करना चाहिए. इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है.
इस दिन भगवान को खीर और मिश्री का लगाएं भोग
इसबार कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. ऐसे में इस दिन भगवान को खीर और मिश्री का भोग ज़रूर लगाना चाहिए. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.. इसके बाद भगवान सूर्य का स्मरण करते हुए उन्हें जल चढाएं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन 'ॐ नमः शिवाय मंत्र' का जाप करने से सुख-शांति बनी रहती है.
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